Covid19 के 6 महीने बाद तक खून के थक्के जमने का गंभीर ख़तरा : 10 लाख लोगों पर हुई Study के नतीजे

latest Study on Covid19: कोरोना (Corona) के हल्के संक्रमण (Mild Infection) के मामलों में भी यह खतरा रहता है.  शोधकर्ताओं को पता चला है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को deep vein thrombosis का खतरा बढ़ जाता है. यह पैर में खून का थक्का जमा देता है और यह खतरा कोरोना संक्रमण के तीन महीने  बाद तक रहता है...कोरोना के बाद pulmonary embolism, फेंफड़ों में खून के थक्के का खतरा 6 महीने बाद तक रहता है.

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Coronavirus : ताजा Study में लाखों लोगों पर की गई रिसर्च के नतीजे आए सामने
लंदन:

कोरोनावायरस (SARS -CoV-2) से संक्रमित हो चुके लोगों को इनफेक्शन के 6 महीने बाद तक खून के थक्के बनने का अधिक खतरा बढ़ा रहता है. BMJ में प्रकाशित हुई स्टडी के अनुसार कोरोना के हल्के संक्रमण (Mild Infection) के मामलों में भी यह खतरा रहता है.  शोधकर्ताओं को पता चला है कि कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को deep vein thrombosis का खतरा बढ़ जाता है.  यह पैर में खून का थक्का जमा देता है और यह खतरा कोरोना संक्रमण के तीन महीने  बाद तक रहता है...कोरोना के बाद pulmonary embolism, फेंफड़ों में खून के थक्के का खतरा 6 महीने बाद तक रहता है और शरीर में खून बहने का खतरा दो महीने तक बना रहता है.   

शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले से शारीरिक बीमारी के खतरे वाले लोगों को अधिक खतरा होता है. स्वीडन की Umea University के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि यह रिज़ल्ट खून के थक्के जमने की घटनाओं को रोकने में मदद करेंगे, खास कर अधिक खतरे वाले मरीजों में और कोविड19 के खिलाफ वैक्सिनेशन के महत्व को बढ़ावा देंगे. शोधकर्ताओं ने नेशनल रजिस्ट्री की मदद लेकर कहा कि उन्होंने 1 फरवरी 2020 से 25 मई 2021 के बीच के सार्स कोव-2 के 10 लाख संक्रमितों पर स्टडी की उनकी तुलना उम्र, लिंग और देश के आधार पर करीब 40 लाख ऐसे लोगों से की जो   SARS-CoV-2 से संक्रमित नहीं थे.  

शोधकर्ताओं ने पहले शोध के समय के दौरान,  कोरोना के मामलों में deep vein thrombosis, pulmonary embolism, और  bleeding   के मामलों की तुलना की. कोरोना से पहले और बाद के मामलों की तुलना की और अलग-अलग समय पर इसकी दरों की जांच की.  

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शोधकर्ताओं को पता चला कि कोरोना के बाद deep vein thrombosis का खतरा पांच गुणा बढ़ा जाता है.  pulmonary embolism का खतरा 33 गुणा बढ़ जाता है और संक्रमण के 30 दिन में खून के रिसाव का खतरा दोगुना बढ़ा जाता है.  

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