कुलभूषण जाधव को लेकर फिर पाक ने की 'नौटंकी', अपील करने का अधिकारी भी छीना

कूलभूषण जाधव को अब तक अपनी सजा के खिलाफ करने की अनुमति नहीं मिली है. जबकि आईसीजे ने जून 2019 में भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और मौत की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए.

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कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने फिर की नौटंकी

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान एक बार नौटंकी करता हुआ दिख रहा है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में एक हैरान करने वाला बयान दिया गया है. अदालत में पाकिस्तान रक्षा मंत्रालय के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय यानी आईसीजे के फैसले के बावजूद जाधव को अपनी करने का अधिकार नहीं दिया गया. इसके पीछे का तर्क ये दिया गया कि आईसीजे का आदेश केवल राजनयिक पहुंच तक ही सीमित था. 

खास बात ये है कि ये टिप्पणी उस समय सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ मई 2023 के दंगों के आरोपियों को सैन्य अदालतों द्वारा दी गई सजाओं की सुनवाई कर रही थी. जाधव का मामला जानबूझकर तब उठाया गया ताकि ये साबित किया जा सके कि जो अधिकारी उन्हें दिए गए हैं वो तो पाकिस्तानी नागरिकों को भी नहीं हासिल हैं. 

सजा के खिलाफ अपील नहीं कर पाएंगे

कूलभूषण जाधव को अब तक अपनी सजा के खिलाफ करने की अनुमति नहीं मिली है. जबकि आईसीजे ने जून 2019 में भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और मौत की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए. साथ ही भारतीय अधिकारियों को उनसे मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. 

इस पूरे मामले को लेकर भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने आईसीजे के निर्देशों का पूरी तरह पालन नहीं किया है. भारत ने 2020 में साफ तौर पर कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को लागू करने से इनकार कर रहा है. भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में जाधव का जो मुकदमा चलाया गया है वह न तो पारदर्शी था और न ही न्याय के सिद्धातों के अनुरूप. 

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