पोलैंड हमले की तस्वीरें दिखाती हैं कि यूक्रेनी मिसाइल से हुआ धमाका : रूस

रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से आए बयान में कहा गया कि, धमाके के मलबे की तस्वीरों से साफ पता चलता है कि यह यूक्रेन के S-300 एयर डिफेंस सिस्टम की गाइडेड एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल से हुआ.

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पोलैंड में हुए धमाके की तस्वीरों का रूस ने किया विश्लेषण

पोलैंड (Poland) में मिसाइल हमले (Missile Atack) पर रूसी संसद की ओर बयान आ गया है. क्रेमलिन ने कहा है कि पोलैंड में हुए हमले का रूस का कोई लेना-देना नहीं है. रूस (Russia) ने पोलैंड मिसाइल हमले में दो लोगों की मौत के लिए लिए यूक्रेन (Ukraine) को दोषी ठहराया है. रूस ने बुधवार को पोलैंड में हुए जानलेवा धमाके के लिए दोषी ठहराया. बेल्जियम ने भी कहा था कि पोलैंड में धमाका शायद यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम के रूस से आ रही मिसाइल पर फायर करने की वजह से हुआ. 

यह धमाका एक खेत में बनी इमारत में हुआ था. इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. इस धमाके के कारण प्रजेवोडो गांव सदमें में है. पोलैंड में हुए धमाके के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूक्रेन संघर्ष के और भड़क जाने की चिंताएं बढ़ गईं थीं.  

नाटो सैन्य संगठन के राजदूतों को पोलैंड में हुए धमाके के बाद एक आपात बैठक करनी पड़ी थी. इसके बाद पोलैंड ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर डाल दिया था.  साथ ही रूसी राजदूत को भी विस्तृत जानकारी देने के लिए तलब किया था. 

इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कई रिपोर्ट्स के आधार पर यह जानकारी दी थी कि कि पोलैंड में गिरी मिसाइल रूस (Russia) ने नहीं, बल्कि रूस की ओर से आ रही एक मिसाइल पर यूक्रेनी सेना ने दागी थी.

एक आपात बैठक के बाद  अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा था कि इस मिसाइल को शायद यूक्रेनी सेना ने रूसी हवाई हमले के जवाब में छोड़ा था और इस धमाके के पीछे रूस के होने खिलाफ संकेत मिल रहे हैं.   

रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस मिसाइल हमले में कोई भी भूमिका होने से इंकार किया था और पोलैंड की मीडिया और अधिकारियों पर "तनाव जानबूझकर और बढ़ाने का आरोप" लगाया था.  

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इस मिसाइल हमले की वजह से बाली में जारी G20 सम्मेलन में आपात बैठक बुलानी पड़ी थी. इस बैठक की अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की और इसमें अन्य देशों के साथ बड़े पश्चिमी ताकतवर देश भी शामिल हुए.  

अमेरिका के अलावा, इस बैठक में जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड्स, जापान, स्पेन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन के नेता शामिल हुए. इन देशों में जापान को छोड़ कर बाकी सभी नाटो (NATO) के सदस्य हैं.  

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