उज्बेक शहर समरकंद में हो रहा है शंघाई सहयोग संगठन (SCO 2022) का सालाना शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन से इतर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव और कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ संभावित बैठक के बारे में अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है.
ये हैं शंघाई शिखर सहयोग संगठन (SCO) के बारे में 10 बड़ी बातें :-
- शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की 22वीं बैठक उज़बेकिस्तान के समरकंद में हो रही है. दो दिन के इस सम्मेलन की शुरुआत आज से हो रही है.
- साल 2019 में आखिरी बार SCO के नेताओं की आमने-सामने बैठक बिश्केक में हुई थी. इसके बाद कोविड के चलते रूस और ताजिकिस्तान की अध्यक्षता में यह बैठक दो सालों तक वर्चुअल प्लैटफॉर्म पर हुई.
- शंघाई सहयोग संगठन ( SCO) की स्थापना चीन के शंघाई में 2001 में हुई थी. यह आठ देशों का संगठन है.
- SCO के सदस्य देशों में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किरगिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान शामिल है.
- इस सम्मेलन में चार पर्यवेक्षक देश हैं जो शंघाई सहयोग संगठन की पूर्ण सदस्यता चाहते हैं. इनमें- अफगानिस्तान, बेलारूस, इरान और मंगोलिया शामिल हैं.
- इस बैठक के छ डॉयलॉग पार्टनर देश हैं . ये हैं- आर्मेनिया, अज़रबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की.
- SCO संगठन की स्थापना रूस, चीन, किरगिज़ रिपब्लिक, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने मिलकर की थी. भारत और पाकिस्तान को इस संगठन की पूर्ण सदस्यता 2017 में मिली थी. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली बैठकों में भारत का वर्चुअल माध्यम पर प्रतिनिधित्व किया.
- SCO संगठन के देश दुनिया की 40 प्रतिशत जनसंख्या और 30 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
- SCO का रीजनल एंटी टेररिस्ट स्ट्रक्चर क्षेत्र में आतंकवाद, सुरक्षा चिंताओं के निवारण पर केंद्रित है. भारत ने 28 अक्टूबर 2021 को एक साल के लिए RATS-SCO की अध्यक्षता ली थी.
- इस समरकंद बैठक में इरान को SCO की पूर्ण सदस्यता दिए जाने की संभावना है.
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