करतारपुर गलियारा (Kartarpur Corridor) 20 महीने के अंतराल के बाद फिर से खुलने पर कई श्रद्धालुओं ने बुधवार को इससे होकर यात्रा की और अन्य ने भी पाकिस्तान (Pakistan) में ऐतिहासिक गुरुद्वारा में मत्था टेकने की योजना बनाई है. गुरदासपुर (Gurdaspur) के डेरा बाबा नानक निवासी कंवलजीत सोढ़ी ने कहा, ‘‘हमारी खुशी का उस वक्त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब हमें करतारपुर गलियारा के फिर से खुलने का पता चला और यह खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती.'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को कहा था कि सरकार ने करतारपुर साहिब गलियारा बुधवार से फिर से खोलने का फैसला किया है. करतारपुर गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताये थे. गुरुनानक जयंती पर गुरु पर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा.
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उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के चलते करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा मार्च 2020 में स्थगित कर दी गई थी. भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (एलपीएआई) (Land Ports Authority of India) ने कहा कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए तीर्थयात्रा बुधवार को शुरू हो गई और कहा कि यह तीर्थयात्रा को प्रोत्साहित करेगा.
एलपीएआई ने तीर्थयात्रा की तस्वीरें पोस्ट करते हुए ट्वीट में कहा, ‘‘प्रथम दो तीर्थयात्रियों को आईसीपी (समन्वित जांच चौकी) गेट पर आईसीपी प्रबंधक ने गर्मजोशी से विदाई दी. गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए करतारपुर गलियारा के जरिये तीर्थयात्रा आज औपचारिक रूप से शुरू हो गई. गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने सीमा पार उनका स्वागत किया. ''इसने एक अन्य ट्वीट में कहा,‘‘पीटीबी डेरा बाबा नानक पर हमारी टीम करतारपुर साहिब गलियारा होते हुए तीर्थयात्रियों की यात्रा में गर्मजोशी से सहायता कर रही है.''
एलपीएआई अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यात्रियों व माल की सीमा पार निधार्रित स्थानों के लिए आवागमन को सुगम करता है. अधिकारियों ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपने मंत्रियों के साथ प्रथम जत्था का हिस्सा होंगे, जो बृहस्पतिवार को करतारपुर साहिब जाएगा. गुरदासपुर जिला प्रशासन बृहस्पतिवार को प्रथम जत्था की यात्रा के लिए तैयारियों में व्यस्त है.
डेरा बाबा नानक की एक अन्य निवासी नीतू बेदी ने कहा कि 2020 में उन्होंने वहां जाने की योजना बनाई थी लेकिन कोविड फैलने के चलते तीर्थयात्रा स्थगित हो जाने पर वह नहीं जा सकी थी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार वह जाएंगी और करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेकेंगी.''अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रा के लिए आरटी-पीसीआर जांच और पूर्ण टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य है. उल्लेखनीय है कि नवंबर 2019 में यह गलियारा खुलने के बाद से करीब 70,000 श्रद्धालुओं ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की यात्रा की है. 'प्रकाश उत्सव' से दो दिन पहले फिर खुला करतारपुर कॉरिडोर