"मुझे गर्व है कि पार्टी का सपोर्ट मिला..." डेलीगेट्स का समर्थन मिलने पर कमला हैरिस

राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके साथ ही उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया.

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वाशिंगटन:

कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की संभावित उम्मीदवार बनने के लिए पर्याप्त ‘डेलीगेट' (प्रतिनिधि) का समर्थन हासिल कर लिया है. इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति को संभावित प्रतिद्वंद्वियों, सांसदों, गवर्नर और प्रभावशाली समूहों से समर्थन मिला था.

सीएनएन की खबर के मुताबिक, भारतीय-अफ्रीकी मूल की हैरिस को 1976 ‘डेलीगेट' का समर्थन मिल गया है जो राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी संख्या से ज्यादा है.

हैरिस ने कहा, “ जब मैंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान की घोषणा की थी, तो मैंने कहा था कि मैं यह नामांकन हासिल करना चाहती हूं. आज रात, मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए आवश्यक समर्थन मिल गया है.” हैरिस (59) ने कहा, “ मैं जल्द ही औपचारिक रूप से नामांकन स्वीकार करने की आशा करती हूं.”

राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके साथ ही उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का अनुमोदन किया.

बाइडन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख नेता हैरिस के समर्थन में तत्काल खड़े हो गए. अमेरिका में इस साल पांच नवंबर को चुनाव होने हैं.

हैरिस ने कहा कि वह राष्ट्रपति बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी लोगों की आभारी हैं जिन्होंने उन पर अपना विश्वास जताया है. उन्होंने कहा कि वह अपने मुद्दे सीधे अमेरिकी लोगों के बीच लेकर जाएंगी.

हैरिस ने कहा, “ यह चुनाव दो अलग-अलग दृष्टिकोणों के बीच एक स्पष्ट विकल्प प्रस्तुत करेगा. डोनाल्ड ट्रम्प हमारे देश को उस दौर में वापस ले जाना चाहते हैं जब हममें से कई लोगों को पूर्ण स्वतंत्रता और समान अधिकार नहीं थे.”

हैरिस का जन्म प्रवासी माता-पिता (एक अश्वेत पिता और एक भारतीय मां) से हुआ. उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के थे और उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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