Joe Biden ने Donald Trump पर साधा निशाना, संसद में हुए दंगे को लेकर कह दी ये बात...

"कानून लागू करने वाले साहसी अधिकारी तीन घंटे तक मध्यकालीन नरक जैसे हालात से गुजर रहे थे, वहां खून बह रहा था, वो हथियारों से घिरे थे, वो उस सिरफिरी भीड़ से आमने-सामने मुकाबला कर रहे थे जो हार चुके राष्ट्रपति के झूठ पर भरोसा कर रही थी." :- जो बाइडेन, अमेरिकी राष्ट्रपति

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अमेरिकी संसद पर हुए हमले पर आई रिपोर्ट के बाद डोनाल्ड ट्रंप पर बरसे जो बाइडेन (File Photo)

राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को इसे लेकर जमकर घेरा कि वो अपने समर्थकों को घंटों तक दंगे करते देखते रहे जबकि अमेरिकी संसद में पुलिस "मध्यकालीन नरक" जैसे हालातों से गुजर रही थी. जो बाइडेन ने नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ ब्लैक लॉ एनफोर्समेंट एक्सीक्यूटिव्स कॉन्फ्रेंस में कहा, "साहसी कानून लागू करने वाले अधिकारी तीन घंटे तक मध्यकालीन नरक जैसे हालात से गुजर रहे थे, वहां खून बह रहा था, वो हथियारों से घिरे थे, वो उस सिरफिरी भीड़ से आमने-सामने मुकाबला कर रहे थे जो हार चुके राष्ट्रपति के झूठ पर भरोसा कर रही थी."  

"तीन घंटों तक, हार चुके अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने ये सब होते हुए देखा जब वो राष्ट्रपति दफ्तर के बगल में निजी डाइनिंग हॉल में आराम से बैठे हुए थे." 

जो बाइडेन ने कहा, "पुलिस उस दिन की हीरो थी. डोनाल्ड ट्रंप ने एक्शन लेने के लिए हिम्मत की कमी दिखाई." बाइडेन ने आगे कहा, " आप हिंसक प्रदर्शन और पुलिस के समर्थन में एक साथ नहीं हो सकते हो." आप हिंसक प्रदर्शन और लोकतंत्र के समर्थन में एक साथ नहीं हो सकते हो. आप हिंसक प्रदर्शन और अमेरिका के समर्थन में भी एक साथ नहीं हो सकते हो."

अमेरिकी संसद (Capitol Hill) पर हुए भीड़ के हमले की जांच के सामने आया है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Ex President Donald Trump) ने समर्थकों को रोकने या हिंसा की निंदा करने जैसी अपीलें ठुकरा दी थीं और वह अमेरिकी संसद पर अपने समर्थकों के धावे को टीवी (TV) पर देखते रहे.

अमेरिकी संसद की जांच में यह सामने आया है.  समिति का कहना है कि हिंसा रोकने या उसकी निंदा से इंकार करने को डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों के निर्वाह में गंभीर उल्लंघ के तौर पर देखा जाना चाहिए और उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए  

  कमिटी के चेयरमैन थॉम्पसन ने टेलीविज़न पर प्रसारित हुए जनसुनवाई के आखिर में कहा, ट्रंप ने "कानूनी अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का रास्ता खोलने का दुस्साहस किया" क्योंकि वो 2020 के अमेरिकी चुनाव के नतीजे पलटना चाहते थे.  

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