कैंसर से जूझ रहे जो बाइडेन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिनका घर मौत बार-बार तोड़ती रही, वो आगे बढ़ते रहे

Joe Biden Diagnosed With Aggressive Prostate Cancer: संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर के "आक्रामक" रूप का पता चला है जो उनकी हड्डियों तक फैल गया है, डेमोक्रेट कार्यालय ने रविवार को घोषणा की.

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Joe Biden Diagnosed With Aggressive Prostate Cancer: कैंसर से जूझ रहे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन

Joe Biden Diagnosed With Aggressive Prostate Cancer: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2015 में अपने सबसे बड़े बेटे ब्यू बाइडेन को ब्रेन कैंसर के कारण खो दिया. उनके लिए यह क्षति इतनी बड़ी थी कि उन्होंने सालों तक इसके बारे में बार-बार बात की है. अब, 82 साल के जो बाइडेन अपनी खुद की कैंसर की लड़ाई का सामना कर रहे हैं. उनके कार्यालय ने रविवार को घोषणा की कि जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर हो गया है जो "आक्रामक" रूप में है और बीमारी उनकी हड्डियों तक पहुंच गया है. बाइडेन अब आगे के इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, उनकी समीक्षा कर रहे हैं. पीएम मोदी ने भी उनके हेल्थ को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है और उनके जल्द से जल्द ठीक होने की कामना की है.

बाइडेन इतिहास में उस व्यक्ति के रूप में दर्ज होना चाहते थे जिसने 2020 का राष्ट्रपति चुनाव जीतकर और रिपब्लिकन पार्टी को मात देकर अमेरिका को डोनाल्ड ट्रंप से बचाया था. उन्होंने एक विभाजित देश को कोरोना महामारी से निकाला था, 2020 के पहले के ट्रंप के शासन के चार सालों की अराजकता से बाहर निकाला. एक के बाद एक बड़े कानून पास करवाए.

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लेकिन बाइडेन का यह कार्यकाल सिर्फ एक बार का रहा और अब उनके चीर प्रतिद्वंद्वी ट्रंप ने ही राष्ट्रपति पद को कम से कम 4 सालों के लिए बुक कर लिया है. इसे एक ही घातक निर्णय द्वारा परिभाषित किया जाएगा- बाइडेन ने अपनी उम्र के बारे में बढ़ती चिंताओं को खारिज कर दिया था और 2024 में फिर से चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम दे दिया था.

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कई लोगों के लिए, 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन की वो तस्वीर जेहन में ताजी रहेगी-  ट्रंप के सामने डिबेट में बाइडेन जब एकदम गुमसुम दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि उनकी जुबान में कोई शब्द नहीं बचा. इस डिबेट ने आखिरकार उन्हें राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर कर दिया. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस मैदान में आईं लेकिन उनके लिए ट्रंप की वापसी को रोकना लगभग असंभव काम था- और वास्तव में यह असंभव ही साबित हुआ.

चुनौतियों के बीच ही बढ़ते रहे हैं बाइडेन

जनवरी 2021 में बाइडेन ने जब अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली थी तो यह अपने आप में एक मेसेज था- एक ऐसे राजनेता ने उल्लेखनीय वापसी की है जिसने अपना पूरा जीवन राजनीतिक बाधाओं और व्यक्तिगत त्रासदी दोनों से जूझते हुए बिताया. लेकिन बाइडेन एक ऐसे सर्वाइवर हैं जो अपने करियर में हर उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं.

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बाइडेन उस समय अमेरिका के सबसे उम्रदराज निर्वाचित राष्ट्रपति थे, हालांकि 2024 में ट्रंप चुनाव जीतकर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया. बाइडेन तब यकीनन अपनी गलतियों और बराक ओबामा के साथ उपराष्ट्रपति होने के लिए अधिक प्रसिद्ध थे. उनके चार साल के कार्यकाल को देश की पहली अश्वेत, दक्षिण एशियाई और महिला उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और पश्चिमी गठबंधनों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा, जिसे पहले के अपने कार्यकाल में ट्रंप ने बर्बाद कर दिया था.

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2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की अराजक वापसी के साथ बाइडेन की लोकप्रियता को शुरुआती झटका लगा और वास्तव में वो इससे कभी उबर नहीं पाए. अंतिम CNN सर्वे में उनकी अप्रूवल रेटिंग केवल 36 प्रतिशत थी.

कोरोना महामारी में उन्होंने जनता के हाथ में डॉलर पहुंचाया (स्टिमुलस देकर) तो महंगाई बढ़ गई. यही कारण है कि अमेरिकियों ने चुनाव में कमला हैरिस से बदला चुकाया. उनकी ढीली सीमा नीतियों (बॉर्डर पॉलिसी) के कारण रिकॉर्ड नंबर में अवैध अप्रवासी अमेरिका में घुस गए, जिस पर ट्रंप ने जोर दिया.

पेन्सिलवेनिया में पैदा हुए बाइडेन आयरिश कैथोलिक बैकग्राउंड वाले एक ऐसे बच्चे थे जो हकलाता था. अपने पालन-पोषण के बारे में प्रचलित कहानियों को सुनाने के शौकीन थे. वह अक्सर अपने पिता के मंत्र को शेयर करते था: "जब आप नीचे गिर जाते हैं, तभी आप वापस उठते हैं." 

1972 में 29 साल की उम्र में अमेरिकी सीनेटर चुने जाने के कुछ ही दिनों बाद वह एक कार दुर्घटना की त्रासदी से जूझ रहे थे. इस हादसे में उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी. फिर उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी, फर्स्ट लेडी जिल बिडेन की मदद से अपने जीवन को फिर से खड़ा किया. लेकिन 2015 में ब्यू की मृत्यु हुई. छोटे बेटे हंटर का नाम ड्रग्स और लीगल प्रॉब्लम्स में आया. राष्ट्रपति ऑफिस छोड़ते समय बाइडेन ने छोटे बेटे को विवादास्पद रूप से क्षमादान जारी किया था.

लेकिन उम्र एक ऐसी लड़ाई थी जिसे वह जीत नहीं सके. ट्रंप ने चुनावी कैंपेन के बीच बाइडेन को "स्लीपी जो" करार दिया और हर फिसलते पांव- एयर फोर्स वन की सीढ़ियों पर, अपनी बाइक से - सोशल मीडिया पर वायरल की गईं. व्हाइट हाउस ने जोर देकर कहा कि बाइडेन को कोई समस्या नहीं है और जब तक बहुत देर नहीं हो गई, तब तक बाइडेन को अनिर्धारित सार्वजनिक उपस्थिति से बचाया गया.

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