जापान का अगला PM कौन? इशिबा के इस्तीफे के ऐलान के बाद यह 5 नाम सबसे आगे

Japan PM Election: शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद सत्ताधारी LDP पार्टी का लीडर कौन होगा, इसकी चुनावी दौड़ शुरू हो जाएगी. इसमें जो भी विजेता होगा, उसे प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में वोट का सामना करना पड़ेगा.

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इशिबा के इस्तीफे के ऐलान के बाद जापान पीएम पद के लिए 5 नाम सबसे आगे
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  • जापान के PM शिगेरु इशिबा ने चुनाव में हार के बाद PM और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
  • लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नए नेता के चुनाव के बाद ही संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए वोटिंग होगी.
  • साने ताकाइची पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हैं.
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जापान के प्रधान मंत्री शिगेरु इशिबा ने कुर्सी पर बैठने के एक साल के अंदर इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. जुलाई के हुए चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की करारी हार और दोनों सदनों में बहुमत खोने के बाद उनपर कुर्सी खाली करने का दबाव चरम पर था. ऐसे में उन्होंने रविवार को अपनी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की.

अब इशिबा के इस्तीफे के बाद LDP पार्टी का लीडर कौन होगा, इसकी चुनावी दौड़ शुरू हो जाएगी. इसमें जो भी विजेता होगा, उसे प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद में वोट का सामना करना पड़ेगा.

चूंकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत खो दिया है, इसलिए इस बात की गारंटी नहीं है कि जो LDP का अध्यक्ष बनेगा, वहीं अगला पीएम भी बनेगा. इस बात की बहुत कम संभावना है कि किसी विपक्षी दल का कोई नेता दुनिया की इस चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की कमान संभाले.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यहां उन नेताओं की लिस्ट और उनसे जुड़ी अन्य जानकारी दी गई है जो पीएम की दौड़ में शामिल हो सकते हैं:

लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (अभी सत्ता में)

1. साने ताकाइची, 64 साल

यदि साने ताकाइची प्रधानमंत्री की रेस जीतती हैं तो वह जापान की पहली महिला प्रधान मंत्री होंगी. ताकाइची LDP पार्टी की एक दिग्गज नेता हैं जिन्होंने आर्थिक सुरक्षा और आंतरिक मामलों की मंत्री सहित कई जिम्मेदारी निभाई है. वो पिछले साल भी LDP पार्टी की अध्यक्ष बनने के लिए चुनावी दौड़ में शामिल हुई थीं लेकिन इशिबा से हार गईं. हार के बाद उन्होंने सरकार छोड़ दी थी. ताकाइची बैंक ऑफ जापान की ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मुखर विरोध करती हैं और नाजुक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने की मांग करती हैं.

2. शिंजिरो कोइज़ुमी, 44 साल

शिंजिरो कोइज़ुमी एक सदी से भी अधिक समय तक जापान पर शासन करने वाले एक राजनीतिक राजवंश के उत्तराधिकारी हैं. अगर पीएम बनते हैं तो कोइज़ुमी आधुनिक जापान में सबसे कम उम्र के पीएम बनेंगे. साने ताकाइची की तरह कोइज़ुमी ने भी पिछले साल पार्टी नेतृत्व की दौड़ में भाग लिया लेकिन वो चुनाव हार गए. ताकाइची के विपरीत कोइज़ुमी हार के बावजूद कृषि मंत्री के रूप में इशिबा सरकार में बने रहे. पर्यावरण मंत्री के रूप में कोइज़ुमी ने 2019 में जापान को परमाणु रिएक्टरों से छुटकारा पाने को कहा था.

3. योशिमासा हयाशी, 64 साल

योशिमासा हयाशी दिसंबर 2023 से उस समय के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और मौजूदा प्रधान मंत्री इशिबा की सरकार में जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव रहे हैं. यह एक महत्वपूर्ण पद हैं. मुख्य कैबिनेट सचिव ही सरकार का सबसे बड़ा प्रवक्ता होता है. उन्होंने रक्षा, विदेश और कृषि मंत्री सहित कई तरह के मंत्रालय संभाले हैं. हयाशी 2012 और 2024 में एलडीपी नेतृत्व की दौड़ में शामिल हुए थे लेकिन हार मिली थी. उन्होंने बार-बार मौद्रिक नीति पर बैंक ऑफ जापान की स्वतंत्रता का सम्मान करने की बात की है.

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कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान (विपक्षी दल)

4. योशिहिको नोडा, 68 साल

योशिहिको नोडा साल 2011 से 2012 तक जापान के प्रधान मंत्री थे. नोडा जापान के सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी-  कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान के नेता हैं. यह पार्टी सेंटर- लेफ्ट है. पीएम के रूप में, उन्होंने सरकार के बढ़ते कर्ज को रोकने के लिए जापान के उपभोग टैक्स को दोगुना करके 10% तक किया था. उन्होंन इस कानून को बनाने के लिए LDP के साथ काम किया- उन्हें राजकोषीय बाज़ कहा गया. 2019 में अधिकांश वस्तुओं के लिए उपभोग टैक्स को बढ़ाकर 10% कर दिया गया. हालांकि अभी जुलाई में जो उच्च सदन के चुनाव हुए, उसमें नोडा ने अपना स्टैंड बदल दिया. उन्होंने खाद्य पदार्थों के लिए उपभोग टैक्स में अस्थायी कटौती की मांग की.

डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ पीपुल

5. युइचिरो तमाकी, 56 साल

युइचिरो तमाकी की डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ पीपुल अपनी विचारधारा में सेंटर-लेफ्ट मानी जाती है. हाल के चुनावों में वह सबसे तेजी से बढ़ने वाली पार्टियों में से एक है. तमाकी जापान के वित्त मंत्रालय के पूर्व नौकरशाह हैं. उन्होंने 2018 में डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल की सह-स्थापना (को-फाउंडर हैं) की और टैक्स छूट का विस्तार करके और उपभोग टैक्स में कटौती करके लोगों के हाथ में मिलने वाले वेतन को बढ़ाने की वकालत की. वह जापान की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने, विदेशियों के भूमि खरीदने के लिए सख्त नियमों और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का समर्थन करते हैं.

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