विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को यहां मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए उनके दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि इससे भारत-मलेशिया के रिश्तों के और अधिक ‘महत्वाकांक्षी एजेंडा' को तैयार करने में मदद मिलेगी. जयशंकर सिंगापुर, फिलीपीन और मलेशिया के अपने तीन राष्ट्रों के दौरे के अंतिम और तृतीय चरण में कुआलालंपुर में हैं.
Honour to call on Prime Minister @anwaribrahim of Malaysia. Conveyed the warm greetings of PM @narendramodi.
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) March 27, 2024
His vision for stronger 🇮🇳 🇲🇾 ties, both in traditional and new-age areas, will help us craft a more ambitious agenda for the relationship.
Benefitted from his… pic.twitter.com/o9BxuvENmc
मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए मलेशिया के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पारंपरिक और नव युगीन, दोनों क्षेत्रों में मजबूत भारत-मलेशिया संबंधों के लिए उनका दृष्टिकोण, हमें रिश्ते के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने में मदद करेगा.''उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर उनके मार्गदर्शन और ज्ञान से लाभान्वित हुआ.''
मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि जयशंकर ने यहां मलेशिया के विदेश मंत्री हसन से मुलाकात की और उनके बीच ‘उपयोगी तथा स्पष्ट' चर्चा हुई, जिसमें मलेशिया-भारत द्विपक्षीय मामलों के बहुमुखी आयामों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान शामिल था.
जयशंकर ने ‘एक्स' पर इस संबंध में लिखा, ‘‘राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, डिजिटल, स्टार्ट-अप, वाणिज्यिक दूतावास संबंधी, जनता के बीच संबंधों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. क्षेत्र, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया और यूक्रेन पर विचार साझा किए.''
दोनों मंत्रियों ने उच्च स्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य तिथि पर मलेशिया और भारत की 7वें संयुक्त आयोग की बैठक बुलाने पर भी चर्चा की. बयान के अनुसार, हसन ने दिसंबर 2023 में पदभार संभाला था और तब से जयशंकर और उनकी यह पहली मुलाकात है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर देश के डिजिटल मंत्री गोबिंद सिंह देव से भी मुलाकात कर सकते हैं.
बयान के अनुसार जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य भारत और मलेशिया के बीच सहयोग बढ़ाना तथा साझा चुनौतियों एवं अवसरों की समझ का विस्तार करना है.