चीन के वुहान शहर में शुरुआती दिनों में कोविड की परिस्थितियों को रिपोर्ट करने के लिए जेल में बंद, 38 वर्षीय सिटीजन जर्नलिस्ट झांग झान मौत के करीब हैं. उनके परिवार ने बताया कि वे भूख हड़ताल पर हैं, जिसके चलते उनकी हालत अब काफी खराब हो चुकी है. झान फरवरी 2020 में कोरानावायरस के केंद्र वुहान शहर पहुंची थीं और वहां की परिस्थितियों को रिपोर्ट किया था. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से सवाल किए थे कि वे इस मुश्किल की घड़ी से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने अपने स्मार्टफोन में इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की थी.
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झान को मई 2020 में हिरासत में लिया गया था और दिसंबर में उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी. उन पर आरोप था कि उन्होंने झगड़े शुरू किए और मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश की. झान के भाई झांग जु ने पिछले सप्ताह ट्विटर पर लिखा था: मेरी बहर का वजन काफी कम हो गया है और वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकेगी. झान की लीगल टीम ने इस साल की शुरुआत में मीडिया एजेंसी AFP को बताया था कि वह भूख हड़ताल पर है और उसे नाक में पाइप डाल कर खिलाने की कोशिश की जा रही है. झान की लीगल टीम के पास उनकी वर्तमान स्थिति की कोई जानकारी नहीं है.
झांग जू ने लिखा, "हो सकता है वह आने वाली सर्दियों तक जिंदा न रहे". उन्होंने अपनी बहन को खतों में अपना ध्यान रखने की भी गुजारिश की है. जू ने लिखा, "ऐसा लगता है उसके दिल में ईश्वर और अपने प्रति एक विश्वास है, और उसे किसी चीज की परवाह नहीं है." जू की पोस्ट के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बार फिर गुरुवार को चीनी सरकार से झान को रिहा करने की मांग उठाई है और कहा है "उसे रिहा करें ताकि वह अपनी भूख हड़ताल खत्म कर सके और उसे उचित मेडिकल ट्रीटमेंट मिल सके जिसकी उसे सख्त जरूरत है."
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एमनेस्टी के कैम्पेनर ग्वेन ली ने स्टेटमेंट जारी कर कहा झान को सजा मिलना मानवाधिकारों पर शर्मनाक हमला है. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के अनुसार झान अब किसी की मदद के बिना न तो खुद से चल फिर सकती है और न ही सिर उठा सकती है. इस मामले में झान के अलावा चेन कुइशी, फांग बिन व ली जुहेआ नाम के तीन और सिटिजन जर्नलिस्ट्स को भी वुहान से हिरासत में लिया गया था.