विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कोरोना वायरस के फैलने की जांच वुहान (Wuhan) में शुरू कर देने के बीच चीन ने कहा है कि वायरस के बारे में कयास लगाना और किसी भी तरह का पूर्वाग्रह रखना ठीक नहीं है. डब्ल्यूएचओ का एक समूह चीन के वुहान में दो हफ्ते का पृथकवास खत्म करने के बाद शहर में जांच के लिए गुरुवार को होटल से बाहर निकला.
चीन ने वुहान में वायरस की उत्पत्ति को लेकर गलत कयास कयास लगाने और राजनीति से प्रेरित खबरों को लेकर चेताया. WHO के दल में 14 अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शामिल हैं. इन्हें 14 दिन तक वुहान के एक होटल में आइसोलेशन में रखा गया था. समूह एक महीने तक की मुहिम में चमगादड़ों और पैंगोलिन समेत उन सभी संभावनाओं की तलाश करेंगे जिनसे कोरोना वायरस की उत्पत्ति हुई होगी.
डब्ल्यूएचओ के कुछ विशेषज्ञों ने पृथकवास की अवधि समाप्त होने पर राहत की सांस लेते हुए ट्विटर पर इसका इजहार किया.इरासमस विश्वविद्यालय चिकित्सा केंद्र की विषाणु वैज्ञानिक मैरियन कूपमंस ट्वीट किया, “मैं पास हुई.” डब्ल्यूएचओ के प्रमुख और डब्ल्यूएचओ में पशु रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बारेक ने जवाब देते हुए लिखा, “बधाई हो.”
वहीं बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने कहा कि विशेषज्ञों का दल चीनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगा.चीन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन आरोपों को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वायरस की उत्पत्ति वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान की एक लैब में हुई थी.