PHOTOS: ईरान के फुस्स रॉकेटों पर नाच रहे इजरायल के बच्चे !

गेडेरा के दक्षिणी उपनगर शाल्हेवेट के प्राइमरी स्कूल में कुछ बच्चे यहूदी नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे. इसके कुछ ही देर बाद एक मिसाइल (Iran Missile Attack) खेल के मैदान में आ गिरी.

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ईरान और इजरायल के बीच का तनाव (Iran Israel Conflict) कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार रात ईरान ने इजरायल की ओर ताबड़तोड़ रॉकेट दाग दिए. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियोज में बैलिस्टिक मिसाइलें भीषण आग के गोले की तरह आसमान से जमीन पर गिरते हुए दिखाई दीं. हालांकि इज़रायल के आयरन डोम ने दुश्मनों के रॉक्टों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया. ईरान की फुस्स हुए रॉकेटों पर इजरायली बच्चे खेलते और नाचते हुए (Israel Kids Play On Iranian Rockets) दिखाई दिए

ईरान की फुस्स हो चुकी मिसाइलों पर चढ़े ये बच्चे बहुत ही खुश दिखाई दे रहे हैं.ऐसा लग रहा है कि उनके चेहरे की खुशी ईरान को उसके नाकाम हमले का एहसास कराने के लिए काफी है. ये बच्चे मिसाइल पर खेलते और मौज-मस्ती करते नजर आ रहे हैं.

ईरानी मिसाइलें जैसे ही इजरायल की ओर गिरीं लोग बंकरों की तरफ भागने लगे.  जिन मिसाइलों को आयरन डोम ने रोक दिया, उनके सफेद गर्म छर्रे जमीन पर आ गिरे. इस बीच ईरान की फुस्स हुई मिसाइलों पर इजरायली बच्चे खेलते दिखाई दिए, जो इजरायलियों के चेहरे किसी सुकून से कम नहीं है. 

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बच्चे पार्टी कर रहे थे, रॉकेट फट गया

गेडेरा के दक्षिणी उपनगर शाल्हेवेट के प्राइमरी स्कूल में कुछ बच्चे यहूदी नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे. इसके कुछ ही देर बाद एक मिसाइल  खेल के मैदान में आ गिरी. तीन बच्चों के पिता योनी कार्नियल ने द सन को बताया कि उसी जगह पर आधा टन का रॉकेट फट गया, जहां बच्चों की पार्टी चल रही थी. इस रॉकेट से सभी बच्चे मारे भी जा सकते थे.  उन्होंने बताया कि इस हमले में चार क्लासेस पूरी तरह से नष्ट हो गईं. लेकिन यह इमारत एक गैर आबादी वाले इलाके में थी. इसीलिए सभी बच्चे बच गए. इस चमत्कार के लिए वह ईश्वर का शुक्रिया अदा कर रहे हैं.

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मिसाइल हमले के बाद भी सभी सुरक्षित

उत्तरी तेल अवीव के होड हैशरोन नाम के उपनगर में घरों से कुछ दूरी पर एक और रॉकेट फट गया. शाम 7.30 बजे पार्कलैंड के एक हिस्से पर विस्फोट हो गया. इस घटना में एक युवा क्लब पूरी तरह से नष्ट हो गया. धधकते मलबे से 100 घरों को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ. सभी लोग अलर्ट का पालन करते हुए बंकरों की तरफ भागने लगे.

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"मैंने ऐसा विनाश नहीं देखा"

83 साल के श्मुलिक सुकैरी विस्फोट होने से कुछ ही देर पहले अपनी पत्नी के साथ वहां पहुंचे थे. उन्होंने बताया, " जब तक कि हमें एहसास होता कि हमें तेजी से सुरक्षित जगह पर पहुंचने की जरूरत है, कुछ सेकंड पहले ही बंकर का दरवाजा बंद हो चुका था. तेज धमाका हुआ और सभी खिड़कियां टूट गईं. हर तरफ मलबा ही मलबा था.मैंने ऐसा विनाश कभी नहीं देखा और अगर मैं अपने घर में रहता तो निश्चित रूप से मर जाता. मैं अब भी विश्वास नहीं कर पा रहा हूं कि हम इस हालात से गुजरे हैं.'' गनीमत ये रही कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

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