गाजा की तस्‍वीरें सच नहीं, NDTV से राजदूत बोले- 'अपने ही लोगों के पीछे छिपता है हमास'

भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन आजार ने आतंकवाद पर बड़ा बयान दिया है. साथ ही उन्होंने गाजा की स्थिति पर भी खुलकर बात की है.

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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में यहूदी म्‍यूजियम के बाहर बुधवार रात 9 बजकर 5 मिनट पर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों हत्या न सिर्फ इजरायल के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी एक चौंकाने वाली घटना है. इस घटना को भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन आजार ने दिल दहलाने वाला तो बताया ही साथ ही साथ उन्‍होंने गाजा पर आ रही नई जानकारियों पर इजरायल का रुख पेश किया. आजार ने उन खबरों को पूरी तरह से एकतरफा बता दिया है, जिसमें कहा गया है कि गाजा में बच्‍चे भूख से मर रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने आतंक पर दुनिया को दोहरी बातें न करने की सलाह भी दी है. पेश है एनडीटीवी से कही उनकी बातों के अंश...

'गाजा की तस्‍वीरें पक्षपाती'  

उनसे पूछा गया कि ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि गाजा में आम नागरिक को सबसे ज्‍यादा झेलना पड़ा रहा है. कहा जा रहा है कि छोटे और बच्‍चे नवजात बच्‍चे खाना नहीं मिलने की वजह से मरने की कगार पर भी पहुंच गए हैं. इस पर उन्‍होंने कहा कि जो लोग गाजा को इस स्थिति में पहुंचाने के जिम्‍मेदार हैं वो दरअसल आतंकी संगठन हैं. ये आतंकी संगठन इजरायल से किसी को बंधक नहीं बना रहे हैं बल्कि इन्‍होंने अपने ही लोगों को बंधक बनाकर रखा हुआ है. ये संगठन आम लोग के पीछे छिप रहे हैं. ये वो लोग हैं जो अंतरराष्‍ट्रीय मदद को लोगों से चोरी कर रहे हैं और उन्‍हें बेच रहे हैं. हम इस पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं. इजरायल ने पिछले 18 महीने में यह सुनिश्चित किया है गाजा की आबादी के पास पर्याप्‍त खाना हो. 

प्राइवेट कंपनियां देंगी खाना 

आजार का दावा था कि गाजा के बच्‍चों को लेकर जो भी खबरें आ रही हैं वो पूरी तरह से पक्षपाती हैं. बहुत सी ऐसी रिपोर्ट्स हैं. अगर गाजा में बच्‍चे उस स्थिति में होते जैसा बताया जा रहा है तो फिर हमारे पास एकदम वैसी ही तस्‍वीरें होती जैसी हमने सूडान की देखी थी जब वहां पर बच्‍चों के भूख से मरने की बातें कही गई थीं. उन्‍होंने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से 98 हजार फूड ट्रक गाजा स्‍ट्रीट में दाखिल हुए हैं. इसके साथ ही उन्‍होंने बताया कि अब हमने एक फैसला किया था कि हम इस स्थिति को बदलेंगे और हमास की क्षमता को खत्‍म करना चाहते हैं. अगले रविवार से हम एक नया सिस्‍टम शुरू करने वाले हैं. इसके तहत सुरक्षित इलाकों में इजरायली सिक्‍योरिटी फोर्सेज होंगी और प्राइवेट कंपनियां सीधे लोगों को खाना डिलीवर करेंगी ताकि हमास इसे छीन न सके. 

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इन घटनाओं को रोकना होगा 

रूवेन ने इस बातचीत में साफ-साफ कहा है कि अब दुनिया को आतंकी घटनाओं की निंदा करने से आगे बढ़ना होगा. रूवेन ने कहा कि यह सिर्फ शॉकिंग ही नहीं है बल्कि एक ऐसी घटना है, जिसमें हमें थोड़ा-सा हटकर सोचना होगा. हमें अब इस तरह की घटनाओं की सिर्फ निंदा ही नहीं करनी होगी बल्कि इन्‍हें रोकने की दिशा में काम करना होगा.

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उन्‍होंने उन उपायों के बारे में भी बताया जिनकी मदद से इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्‍होंने कहा, 'बहुत सारे उपाय हैं जिन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनाकर इन घटनाओं को रोका जा सकता है. हम नफरत को फैलने से रोक सकते हैं, हम चरमपंथ के खिलाफ लोगों को शिक्षित कर सकते हैं, हम आतंकवाद फैलाने वाली कुछ संस्‍थाओं को मिलने वाले पैसों पर लगाम लगा सकते हैं.  

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कतर और ईरान करते मदद 

रूवेन से पूछा गया कि कौन लोग हैं इस तरह की घटनाओं के पीछे? इस पर रुवेन का जवाब था कि मुख्‍यतौर पर मुस्लिम ब्रदरहुड की गतिविधिया हैं, कतर जैसे देशों से उन्‍हें आर्थिक मदद मिलती है. कतर और ईरान जैसे देशों की तरफ भी उन्‍हें पश्चिमी देशों में इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड मिल रहा है. उनका कहना था कि इस पर नजर रखनी होगी और इन्‍हें ब्‍लॉक करना होगा. 

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