- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के निरस्त्रीकरण का वादा फिर से दोहराया है.
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना पर वोटिंग होने वाली है.
- नेतन्याहू ने गाजा के डी-मिलिटराइजेशन को जरूरी बताया और कहा कि हमास को निरस्त्र किया जाएगा.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक बार फिर हमास के निरस्त्रीकरण करने की कसम खाई. उन्होंने यह वादा उन खबरों के बाद दोहराया है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका, गाजा के कुछ हिस्सों के पुनर्निर्माण पर विचार कर रहा है, जबकि आतंकी समूह अपने हथियार बरकरार रखे हुए हैः यरूशलम में साप्ताहिक कैबिनेट मीटिंग की शुरुआत में बोलते हुए, नेतन्याहू ने 'जॉर्डन नदी के पश्चिम में कहीं भी फिलिस्तीनी राज्य के विरोध' की बात दोहराई.
सोमवार को UNSC में होनी है वोटिंग
यह टिप्पणी तब आई है जब सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा प्लान को बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए एक ड्राफ्ट पर वोटिंग के लिए तैयारी कर चुके हैं. इस योजना में कहा गया है कि गाजा में शांति होने और फिलिस्तीनी अथॉरिटीज की तरफ से 'ईमानदारी से' सुधार किए जाने के बाद फिलिस्तीनी स्टेट के लिए 'एक विश्वसनीय रास्ते के लिए परिस्थितियां आखिरकार तैयार हो सकती हैं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी के विरोध पर दिए जाने वाले 'भाषणों' को खारिज कर दिया.
गाजा के हमास-नियंत्रित हिस्सों के 'डी-मिलिटराइजेशन' पर बात करते हुए, नेतन्याहू ने शुरुआत में कहा कि 'ऐसा कुछ नहीं होगा.' उन्होंने कहा, '20-सूत्रीय योजना में, और किसी भी अन्य स्थिति में, इस क्षेत्र का सैन्यीकरण किया जाएगा और हमास को निरस्त्र किया जाएगा - चाहे आसान तरीके से हो या कठिन तरीके से. यही मैंने कहा है, और यही राष्ट्रपति ट्रंप ने भी कहा है.'
क्या है 20 सूत्री योजना
शुक्रवार को अमेरिका और कुछ अरब देशों ने मिलकर एक साझा बयान जारी किया था. इसमें यूएनएससी से अमेरिका के गाजा शांति योजना को लेकर प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया गया था. ट्रंप की 20 सूत्री योजना, जिसका समर्थन नेतन्याहू ने 29 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था, में हमास के निरस्त्रीकरण, गाजा के विसैन्यीकरण, पट्टी के पुनर्निर्माण और इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (आईएसएफ) और ट्रंप की अध्यक्षता वाले शांति बोर्ड की देखरेख में एक गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी प्रशासन को सौंपने की बात भी कही गई है.
क्या ट्रंप के साथ बढ़ेंगी मुश्किलें?
वहीं चैनल 13 के हवाले से टाइम्स ऑफ इजरायल ने लिखा है कि शनिवार को एक इजरायली सूत्र ने बताया कि व्हाइट हाउस निरस्त्रीकरण की मांग को छोड़कर पुनर्निर्माण पर आगे बढ़ने पर विचार कर रहा है. गाजा को विसैन्यीकृत करने के लिए बाकी देशों से सेना भेजने में कठिनाई हो रही है और इसलिए ट्रंप इस विचार को त्यागने के बारे में सोच रहे हैं. नेतन्याहू के नए बयान पर फिलहाल अमेरिका की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि नेतन्याहू का यह 'अड़ियल रुख' ट्रंप के साथ इस मसले पर वार्ता को थोड़ा मुश्किल कर सकता है.













