Israel-Palestine : एक और युद्ध की आशंका तेज़, Jerusalem की Al-Aqsa mosque में झड़प, 24 घायल

अल अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) मुसलमानों (Muslims) की तीसरी सबसे पवित्र जगह है और यह यहूदियों (Jews) के लिए सबसे पवित्र स्थल है जो इसे टेंपल माउंट कहते हैं. इस जगह पर रमज़ान (Ramadan) के दौरान इज़रायल (Israel) के धावे से दुनिया भर में चिंता बढ़ गई हैं. पिछले दो हफ्तों से करीब 300 फलिस्तीनी (Palestine) अल-अक्सा के परिसर में हुई झड़पों में घायल हो चुके हैं. पिछली बार अल-अक्सा पर हुए ऐसे ही विवाद के बाद इज़रायल और हथियारबंद समूह हमास के बीच 11 दिन तक युद्ध (War) चला था.  

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
अल अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) मुसलमानों (Muslims) की तीसरी सबसे पवित्र जगह है

फलिस्तीनी (Palestine) और इज़रायली (Israel) पुलिस के बीच येरुशलम (Jerusalem) की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa mosque) में ताजा झड़पें हुई हैं. शुक्रवार को हुई इन झड़पों में 42 लोग घायल हुए हैं. फलिस्तीन की रेड क्रॉस संस्था ने बताया कि इस जगह पर काफी समय से तनाव बना हुआ था. मुस्लिमों के पाक महीने रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को यह झड़प हुई. रेड क्रॉस ने बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं लेकिन 22 को अस्पताल ले जाया गया है.    

इज़रायल की पुलिस ने कहा कि जब "दंगाईयों ने" पश्चिमी दीवार की तरफ नीचे पत्थर और पटाखे फेंके तब पुलिस को इस कंपाउंड में घुसना पड़ा.  अल अक्सा (Al-Aqsa) की पश्चिमी दीवार अल अक्सा के नीचे यहूदियों का पवित्र स्थान है.  

विज्ञप्ति में कहा गया कि पुलिस अधिकारियों ने उपद्रव शांत कराने के लिए दंगा रोधी  तरीकों का इस्तेमाल किया.  प्रत्यक्षदर्शियों ने AFP को बताया कि पुलिस ने आंसू गैस और रबर के बुलेट्स का इस्तेमाल किया.  पुलिस ने कहा कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, दो को पत्थर फेंकने के लिए और एख को भीड़ को "उकसाने के लिए". 

Advertisement

पुलिस ने कहा, "पिछले घंटों में इस जगह पर शांति है और मुस्लिम नमाज़ी सुरक्षा के साथ मस्जिद में प्रवेश कर रहे हैं". 

Advertisement

लेकिन पुराने येरुशलम शहर में तनाव जारी है. यह ईस्ट येरुशलम से इज़रायल द्वारा कब्जा किया गया हिस्सा है.   

पिछले दो हफ्तों से करीब 300 फलिस्तीनी अल-अक्सा के परिसर में हुई झड़पों में घायल हो चुके हैं. अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र जगह है और यह यहूदियों(Jews) के लिए सबसे पवित्र स्थल जो इसे टेंपल माउंट कहते हैं. 

Advertisement

इस जगह पर रमज़ान के दौरान इज़रायल के धावे से दुनिया भर में चिंता बढ़ गई हैं. लेकिन यहूदी देश इज़रायल का कहना है कि इस्लामिक ग्रुप हमास और इस्लामिक जिहाद के खिलाफ कदम उठाने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ा जो येरुशलम में अस्थिरता फैलाने की तैयार कर रहे थे.  

Advertisement

तनाव कम करने की कोशिशों में इज़रायल के विदेश मंत्री याइर लैपिड (Yair Lapid ) ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार इस परिसर की मौजूदा स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इसका मतलब लंबे समय से चली आ रहे उस समझौते को मानने से है जिसके अनुसार अल-अक्सा में केवल मुस्लिमों को प्रार्थना की इजाज़त होगी. जबकि यहूदी टेंपल माउंट ( पश्चिमी दीवार) जा सकते हैं. मुस्लिम नेताओं हालांकि इस बात से नाराज हैं कि यहूदियों के आने में इज़ाफा हुआ है. उन्हें डर है कि इज़रायल अल अक्सा परिसर को बांटने की तैयारी कर रहा है जहां यहूदी भी प्रार्थना कर सकें.  लैपिड ने पत्रकारों से कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है.   


इजरायल द्वारा छीने गए येरुशलम में हिंसा से एक और वैसे ही युद्ध की आशंकाएं तेज़ हो गई हैं जो पिछली बार अल-अक्सा पर हुए ऐसे ही विवाद के बाद इज़रायल और हथियारबंद समूह हमास के बीच 11 दिन तक चला था.    

पिछले कुछ हफ्तों में गज़ा पट्टी से इजरायल की ओर रॉकेट दागे गए जिनका इजरायल ने जवाब दिया, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ.  

अल-अक्सा का ताजा तनाव 22 मार्च को इज़रायल और कब्जा किए गए वेस्ट बैंक में हुई हिंसा के बाद हुआ है.  इस हिंसा में 12 इज़रायली इज़रायल में मारे गए थे. इनमें एक अरब-इज़रायली पुलिस अफसर, और दो यूक्रेनी चार अलग-अलग हमलों में मारे गए थे. इनमें से दो हमले तेल अवीव में फलिस्तीनियों ने किए थे.  

इस दौरान 26 फलिस्तीनी और तीन इज़रायली-अरब मारे गए थे. इनमें से हमले के योजनाकार और वेस्ट बैंक के ऑपरेशन्स में इज़रायली सुरक्षा कर्मियों द्वारा मारे गए लोग भी शामिल हैं.  
 

Featured Video Of The Day
Avadh Ojha Sir ने NDTV को बताया अपना पूरा सियासी प्लान, कहा- नहीं छोड़ेंगे बच्चों को पढ़ाना
Topics mentioned in this article