- इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने पश्चिमी किनारे के E1 क्षेत्र में बस्ती विस्तार योजना पर हस्ताक्षर किए हैं.
- नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस क्षेत्र में कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं बनेगा और यह जमीन इजरायल की है.
- E1 क्षेत्र यरुशलम और माडेन के बीच स्थित लगभग 12 वर्ग KM का रणनीतिक इलाका है जो बेहद संवेदनशील माना जाता है.
Israel Palestine Conflict: सालों से चले आ रहे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच गुरुवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने E1 सेटलमेंट एक्पैंशन प्लान पर साइन कर दिए. इजरायल के पश्चिमी किनारे यानी वेस्ट बैंक में आयोजित एक प्रमुख बस्ती परियोजना के हस्ताक्षर समारोह में बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा संकल्प लेते हुए कहा कि कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा. यह जगह हमारी है. मालूम हो कि इजरायल के पश्चिमी किनारे यानी वेस्ट बैंक में यरुशलम और माडेन के बीच स्थित यह एक रणनीतिक इलाका है.
फिलिस्तीन और ज्यादातर दुनिया मानती है कि यह फिलिस्तीनी इलाकों पर इजरायल के कब्जा करने की कोशिश है. इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं बनेगा. हम यहां हजारों नए मकान बनाने जा रहे हैं और लोगों को उसमें बसाने जा रहे हैं.
नेतन्याहू बोले- हम अपना वादा पूरा करेंगे, कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा
यरूशलम के पूर्व में स्थित इजरायली बस्ती माले अदुमिम में आयोजित कार्यक्रम में नेतन्याहू ने कहा, "हम अपना वादा पूरा करेंगे. कोई फ़िलिस्तीनी राज्य नहीं होगा, यह जगह हमारी है." उन्होंने आगे कहा, "हम अपनी विरासत, अपनी ज़मीन और अपनी सुरक्षा की रक्षा करेंगे. हम शहर की आबादी को दोगुना करने जा रहे हैं."
E1 नामक लगभग 12 वर्ग किलोमीटर में बस्ती बसाने की योजना
माले अदुमिम में आयोजित इस कार्यक्रम का इजरायली पीएमओ द्वारा सीधा प्रसारण किया गया. मालूम हो कि इजरायल लंबे समय से E1 नामक लगभग 12 वर्ग किलोमीटर (पाँच वर्ग मील) भूमि पर निर्माण करने की महत्वाकांक्षा रखता रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विरोध के कारण यह योजना वर्षों से रुकी हुई थी.
वित्त मंत्री ने 3400 घर बनाने की योजना का किया था समर्थन
पिछले महीने, इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने इस अति-संवेदनशील भूमि पर लगभग 3,400 घर बनाने की योजना का समर्थन किया था. हालांकि उनकी घोषणा की कड़ी निंदा की गई थी. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह समझौता पश्चिमी तट को प्रभावी रूप से दो भागों में विभाजित कर देगा और एक निकटवर्ती फ़िलिस्तीनी राज्य के लिए "अस्तित्व का ख़तरा" पैदा करेगा.