गाजा में नो एंट्री! सहायता ले जा रहे जहाजों को इजरायल ने घेरा, थनबर्ग- दूसरे एक्टिविस्ट्स ने ऐसे किया ‘सरेंडर’

45 जहाजों का यह बेड़ा पिछले महीने स्पेन से निकला था, जिसका उद्देश्य यह था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की नाकाबंदी को तोड़ा जाए, वहां मानवीय सहायता पहुंचाई जाए.

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  • अमेरिका के राष्ट्रपति ने गाजा में शांति की 20 सूत्रीय योजना पेश की है लेकिन क्षेत्र में शांति नहीं दिख रही
  • इजरायल ने गाजा के लिए मानवीय सहायता ले जा रहे ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला के जहाजों को अंतरराष्ट्रीय जल में रोका
  • ग्रेटा थनबर्ग सहित कई राजनेता और एक्टिविस्ट जहाजों पर सवार थे जिन्हें इजरायल ने कथित तौर पर हिरासत में लिया
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले गाजा में शांति का 20 सूत्रीय प्लान दुनिया के सामने रख दिया है लेकिन गाजा की अपनी दुनिया में शांति दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही. इजरायल किसी मानवीय सहायता को गाजा पहुंचने की इजाजत देने को तैयार नहीं है. इजरायल के नौसैनिक बलों ने बुधवार, 1 अक्टूबर को गाजा के लिए सहायता ले जा रहे एक्टिविस्टों के जहाजों के बेड़े को रोक दिया. इन जहाजों के बेड़े का नाम ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला है जिसमें स्वीडेन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग सहित राजनेताओं और अन्य एक्टिविस्ट को ले जाने वाले लगभग 45 जहाज शामिल हैं. इनमें से कुछ जहाजों को इजरायली सेना द्वारा रोके जाने का वीडियो सामने आया है जिसमें ग्रेटा थनबर्ग सहित तमाम दूसरे लोग हाथ हवा में उपर किए नजर आ रहे हैं.

इजरायली सेना के इस ऑपरेशन की घोषणा स्वयं फ्लोटिला और इजरायली विदेश मंत्रालय, दोनों की ओर से की गई है. 45 जहाजों का यह बेड़ा पिछले महीने स्पेन से निकला था, जिसका उद्देश्य यह था कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की नाकाबंदी को तोड़ा जाए, वहां मानवीय सहायता पहुंचाई जाए. 2 साल से इजरायल के हमलों को झेलते गाजा के बारे में संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वहां अकाल शुरू हो गया है.

इजरायली सेना ने क्या किया?

जहाजों के बेड़े फ्लोटिला ने कहा, "गाजा के समयानुसार रात लगभग 8:30 बजे, अल्मा, सिरियस और अदारा सहित ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला के कई जहाजों को अंतरराष्ट्रीय जल में इजरायली कब्जे वाले बलों द्वारा अवैध रूप से रोक दिया गया और वे उनमें सवार हो गए."

वहीं इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया कि "...फ्लोटिला के कई जहाजों को सुरक्षित रूप से रोक दिया गया है और उनके यात्रियों को इजरायली बंदरगाह पर ट्रांसफर किया जा रहा है". साथ ही इजरायल की तरफ से एक वीडियो भी शेयर किया गया है जिसमें ग्रेटा थनबर्ग अपना सामान वापस प्राप्त करते दिख रही है. इस वीडियो के साथ लिखा गया है, "ग्रेटा और उसके दोस्त सुरक्षित और स्वस्थ हैं."

फ्लोटिला के एक जहाज पर यात्रा कर रही फ्रांसीसी-फिलिस्तीनी यूरोपीय संसद सदस्य रीमा हसन ने बुधवार देर रात एक्स पर कहा कि इजरायल ने जहाजों को रोकने के दौरान "सैकड़ों" लोगों को "अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है और मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है".

हमास ने भी "अंतर्राष्ट्रीय जल में" फ्लोटिला को रोके जाने को "समुद्री डकैती और समुद्री आतंकवाद का अपराध" बताकर निंदा की है.

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ड्रोन अटैक का लगाया है आरोप

 इससे पहले, इजरायली नौसेना ने अपनी नाकाबंदी का हवाला देते हुए गाजा के पास समुद्री पानी में प्रवेश करने के खिलाफ फ्लोटिला को चेतावनी दी थी. स्पेन और इटली, जिन्होंने जहाजों के बेड़े के साथ अपने नौसैनिक एस्कॉर्ट्स भेजे थे, उन्होंने गाजा के पानी में प्रवेश करने से पहले जहाजों को रुकने का आग्रह किया था.

इन जहाजों को ट्यूनीशिया में 10 दिनों तक ठहरना पड़ा था. यहां इस ट्रीप को ऑर्गनाइज करने वालों ने दावा किया था कि उनके उपर दो ड्रोन हमले हुए थे. 10 दिन रुकने के बाद फ्लोटिला ने 15 सितंबर को अपनी यात्रा फिर से शुरू की थी.

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