इजरायल और हमास के बीच डील कराने वाले कतर के ये 'सुल्तान' कौन हैं जिनकी दुनिया हुई मुरीद

Israel Hamas Deal: कहा जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच हुए इस डील में कतर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. इजरायल और हमास को समझौते तक पहुंचाने के लिए कतर के पीएम ने सबसे ज्यादा कोशिश की थी.

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Israel Hamas Deal: कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने इजरायल-हमास समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Israel Hamas Deal: इजरायल और हमास के बीच बीते डेढ़ साल से जारी युद्ध के बीच आज का दिन बेहद खास है. कहा जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच हुए इस समझौते के लिए कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है. उन्होंने इस समझौते को लेकर एक बयान भी दिया है. इस बयान में उन्होंने कहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा और इस समझौते को मंजूरी मिल गई तो ये आगामी रविवार से लागू हो जाएगा. कतर के पीएम ने 15 महीने से जारी युद्ध को खत्म करने की घोषणा करते हुए कहा है कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता रविवार से लागू होगा. इस बात को खुद इजरायल और हमास ने भी कंफर्म किया है. 

कतर ने समझौते में निभाई अहम भूमिका

कहा जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच हुए इस डील में कतर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल और हमास को समझौते तक पहुंचाने के लिए कतर के पीएम ने सबसे ज्यादा कोशिश की थी. कहा जा रहा है कि इजरायल को भी ये भरोसा था कि कतर ही ये डील करा पाएगा. इस समझौते के सूत्रधार है कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी. यह वही शख्स हैं जिसने अपनी धरती पर दोनों देशों को बैठाकर बातचीत करने को मजबूर किया . जिनकी बात खुद बेंजामिन नेतन्याहू भी नहीं टाल सकें. दरअसल कतर पर इजरायल और हमास दोनों ही देशों को भरोसा था. कतर ऐसा देश है, जिसका इजरायल, अमेरिका और हमास तीनों से संपर्क है. कतर का तीनों देशों के साथ अच्छे व्यापारिक रिश्ते भी हैं .वैसे तो इजरायल-हमास जंग रुकवाने में भारत समेत कई देशों ने भूमिका निभाई. इन सबके बावजूद कतर का रोल अव्वल है. AFP की जानकारी के मुताबिक, सीजफायर डील को लेकर 14 जनवरी को कतर में इजरायल और हमास के बीच आखिरी बात हुई थी. शेख मोहम्मद बिन अब्दुल अल थानी ने ही इस बातचीत को होस्ट किया था.

सीजफायर की घोषणा करते पर कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कतर राज्य, मिस्र अरब गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की है कि गाजा में संघर्षरत पक्षों ने बंधकों और कैदियों के बदले बंधकों को रिहा करने और स्थायी शांति की ओर लौटने के लिए एक समझौता किया है, जिससे अंततः पक्षों के बीच एक स्थायी युद्धविराम प्राप्त होगा. बंधकों को रिहा करने की बात करें को डील के पहले फेज में हमास 33 बंधकों को रिहा कर सकता है, जिनमें 5 महिलाएं शामिल हैंट. जबकि इजरायल इसकी एवज में 250 फिलिस्तीन कैदियों को छोड़ेगा. इसके 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजफायर का ऐलान होते ही गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन बनाया जाएगा. इजरायल बॉर्डर से 2 किलोमीटर तक बफर जोन की मांग कर रहा है, जबकि हमास अक्टूबर 2023 से पहले की तरह 300 से 500 मीटर का बफर जोन चाहता है. बफर जोन को लेकर फाइनल फैसला लिया जाना बाकी है. 

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इन शर्तों के साथ हुआ है समझौता 

इजरायल और हमास के बीच युद्ध रोकने के लेकर किस शर्तों पर सहमति बनी है इसे लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर तो कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के बीच इस समझौते तक पहुंचने के लिए कुछ अहम शर्तें जरूर रखी गई हैं. इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही ये युद्ध रुकने वाला है. इन शर्तों के तहत इजरायल ने हमास से अपने सभी बंधक छोड़ने की बात कही है. इसके बदले में हमास ने इजरायल से मांग की है कि वह उसकी कैद में बंद फिलिस्तनीती कैदियों को रिहा करेगा. सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच ये युद्ध रोकने का यह समझौता शुरुआती कुछ हफ्तों तक का है. इस दौरान इजरायल अपनी सेना भी गाजा से वापस बुलाएगा. समझौते के पहले चरण के तहत हमास इजरायल के 33 बंधकों को रिहा करेगा. इनमें खास तौर पर महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग शामिल होंगे. दूसरे चरण में इजरायल गाजा से अपनी सेना वापस बुलाएगा. इस दौरान वह गाजा में पूरी तरह से अपनी सैन्य कार्रवाई को रोककर रखेगा. तीसरे चरण में बाकी शवों को लौटाने का काम किया जएगा. इसके बाद मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में गाजा में पुननिर्माण का काम शुरू किया जाएगा.

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