अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य इजरायली नेताओं से अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन गाजा के साथ एक समझौते पर मुहर लगाने के लिए नए सिरे से बात करेंगे. इजरायल के बाद ब्लिंकन मंगलवार को काहिरा की यात्रा करने वाले हैं, जहां आने वाले दिनों में युद्धविराम वार्ता फिर से शुरू होगी. ब्लिंकन की यात्रा से पहले, गाजा समझौते की तात्कालिकता पर जोर देने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस के विदेश मंत्री भी शुक्रवार को इजरायल में थे.
क्या इजरायल पर बना दबाव?
एएफपी के अनुसार, जॉर्डन और खुद हमास ने भी पश्चिमी देशों से नेतन्याहू पर दबाव बनाने का आह्वान किया है ताकि कोई समझौता हो सके. वहीं इजरायल में भी युद्धविराम को लेकर कई लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, नेतन्याहू के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण धुर दक्षिणपंथी सदस्य किसी भी युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं. पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव और ब्लिंकन के इजरायल में लैंड होने के समय कैबिनेट बैठक में हमास प्रमुख का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा, "हमास इस समय तक अड़ियल बना हुआ है. उसने दोहा में वार्ता के लिए अपना कोई प्रतिनिधि भी नहीं भेजा. इसलिए, दबाव हमास और (याह्या) सिनवार पर होना चाहिए, न कि इजरायली सरकार पर.
बाइजेन का प्रस्ताव
इससे पहले मई के अंत में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक फ्रेमवर्क तैयार किया था और कहा था कि यह इजरायल द्वारा प्रस्तावित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बाद में इस प्रस्ताव का समर्थन किया. प्रस्ताव के तहत, शुरुआती छह हफ्तों के लिए लड़ाई रुक जाएगी और इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों का आदान-प्रदान किया जाएगा और मानवीय सहायता गाजा पट्टी में पहुंचाई जाएगी.
कहां तक पहुंची बातचीत
पिछले बृहस्पतिवार और शुक्रवार को दोहा में संघर्ष विराम वार्ता से पहले, हमास ने मध्यस्थों से अधिक बातचीत करने के बजाय बाइडेन के फ्रेमवर्क को लागू करने का आह्वान किया. हमास ने इज़रायल की ओर से "नई शर्तों" के विरोध की भी घोषणा की. शनिवार को, नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इजरायली वार्ताकारों ने गाजा युद्धविराम समझौते पर पहुंचने के बारे में "सतर्क आशावाद" व्यक्त किया है. अमेरिका, कतर और मिस्र के मध्यस्थों ने भी प्रगति की सूचना दी है और एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि समझौता होने के करीब है. हालांकि, बाइडेन के यह कहने के बाद कि "हम पहले से कहीं ज्यादा समझौते के करीब हैं", हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य सामी अबू ज़ुहरी ने इस तरह की आशावादी बातचीत को "भ्रम" कहकर खारिज कर दिया.
गाजा के हालात
जुलाई के अंत में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया सहित ईरान समर्थित आतंकवादी नेताओं की हत्याओं के बाद से जोखिम बढ़ गया है, और गाजा में पोलियो फैलने की आशंका गहरा गई है. गाजा में रहने वाले 32 वर्षीय समाह दीब ने कहा कि विस्थापित फिलिस्तीनियों के लिए कोई जगह नहीं बची है. कुछ लोग सड़क पर सो रहे हैं, जबकि साफ पानी दुर्लभ है. बाजारों में भोजन तो है, लेकिन यह बहुत महंगा है और हमारे पास पैसे नहीं बचे हैं. ब्लिंकन के साथ यात्रा कर रहे एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि "ऐसा महसूस हो रहा है... कि अब तक समझौते में आ रही रुकावटों को दूर किया जा सकता है."