तालिबान के आतंकवादियों को लुभाता दिख रहा है आईएसआईएल-के : संरा रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल के 500 से 1,500 लड़ाके होने का अनुमान जताया है और कहा गया है कि यह संख्या 10,000 तक बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने कहा कि आईएसआईएल-के गुप्त रूप से काम करता है.

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ISIL-K ने नए समर्थकों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सक्रिय आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत-खोरासन (आईएसआईएल-के) के नेता अमेरिका तथा अफगान तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को खारिज करने वाले तालिबान तथा अन्य आंतकवादियों को लुभाते दिख रहे हैं. इस रिपोर्ट में युद्ध ग्रस्त देश में पहले से ही अस्थिर सुरक्षा स्थिति के और बिगड़ने का खतरा होने पर चिंता जतायी गयी है. आईएसआईएल, अल-कायदा और उससे जुड़े लोगों तथा संगठनों से संबंधित एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंगशंज मॉनिटरिंग टीम की 28वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर से सिर उठाने की कोशिश में आईएसआईएल-खुरासन ने नए समर्थकों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इसके नेताओं को तालिबान के उन आतंकवादियों को भी शामिल करने की उम्मीद है जिन्होंने अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में शांति लाने का समझौता खारिज कर दिया है तथा उसे सीरिया, इराक और अन्य संघर्षरत देशों से लड़ाकों की भर्ती करने की भी उम्मीद है.'' इसमें आईएसआईएल के 500 से 1,500 लड़ाके होने का अनुमान जताया है और कहा गया है कि यह संख्या 10,000 तक बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने कहा कि आईएसआईएल-के गुप्त रूप से काम करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन का नेता शाहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह अल-सादिक कार्यालय के प्रमुख शेख तामिम के साथ सहयोग करता है.

इसमें कहा गया है, ‘‘इस आतंकवादी समूह ने काबुल में और उसके आसपास अपनी स्थिति मजबूत की है जहां वह ज्यादातर हमले करता है और अल्पसंख्यकों, कार्यकर्ताओं, सरकारी कर्मचारियों और अफगान राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा बलों के कर्मियों को निशाना बनाता है.'' अमेरिका के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के मद्देनजर रिपोर्ट में चिंता जतायी गयी है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पहले ही अस्थिर है और शांति प्रक्रिया पर अनिश्चितता के कारण हालात और बिगड़ने का खतरा है.

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मॉनिटरिंग टीम ने सुरक्षा परिषद समिति को जून में सौंपी अपनी 12वीं रिपोर्ट में कहा कि अल-कायदा कम से कम 15 अफगान प्रांतों में मौजूद हैं जिनमें मुख्यत: पूर्वी, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र शामिल हैं. इसमें कहा गया है, ‘‘इस समूह में मुख्यत: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं लेकिन इसमें बांग्लादेश, भारत और म्यांमा के नागरिक भी शामिल हैं.'' रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा नेता अयमन अल-जवाहिरी की स्थिति अभी पता नहीं है लेकिन वह अफगानिस्तान में ‘‘जिंदा परंतु बीमार है.'' रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सदस्य देशों का मानना है कि उसका संभावित उत्तराधिकारी मोहम्मद सलाहलदिन अब्द अल हालिम जिदान है जो अभी ईरान में है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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