भारत के रक्षामंत्री, आर्मी और वायुसेना चीफ के बयानों पर पाकिस्तानी गीदड़भभकी में कितना दम?

पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि ये (भारतीय सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के) ‘‘गैर-जिम्मेदाराना बयान’’ आक्रमण के लिए मनमाने बहाने गढ़ने के एक नये प्रयास का संकेत देते हैं और इससे दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए ‘‘गंभीर खतरा’’ पैदा हो सकता है.

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  • राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सर क्रीक सेक्टर में किसी भी दुस्साहस का निर्णायक जवाब देने की कड़ी चेतावनी दी.
  • जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना आतंकवाद पर रोक न लगाने पर पाकिस्तान के भूगोल को मिटा सकती है.
  • पाकिस्तान की सेना ने दोनों देशों के बीच भविष्य के संघर्ष को प्रलयकारी विनाश का कारण बताकर चेतावनी दी.
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क्या भारत और पाकिस्तान में जल्द जंग छिड़ने वाली है? क्या पाकिस्तान और भारत में ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ सीजफायर कभी भी टूट सकता है? भारत की तरफ से तीन अहम बयान एक के बाद आए. सबसे पहला दो अक्टूबर को दशहरे के दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से आया.  उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सर क्रीक सेक्टर में इस्लामाबाद के किसी भी दुस्साहस का ‘‘निर्णायक जवाब'' दिया जाएगा, जो ‘‘इतिहास और भूगोल'' दोनों को बदल देगा. सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करना उसका उद्देश्य नहीं था.  उन्होंने कहा कि इस अभियान ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा को ‘‘बेनकाब'' कर दिया तथा भारत की ‘‘निर्णायक क्षमता'' को साबित कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘यदि पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर में कोई दुस्साहस करता है, तो जवाब इतना कड़ा होगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा. 1965 के युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था. आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता इसी क्रीक से होकर गुजरता है.''

'भूगोल तक मिट सकता है'

दूसरा बयान इसके अगले दिन आया. शुक्रवार को राजस्थान के अनूपगढ़ में आर्मी पोस्ट पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस बार भारतीय सेना कोई संयम नहीं बरतने वाली है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर 2.0 का संकेत देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद पर रोक नहीं लगाई तो भारतीय सेना नहीं रुकने वाली है. जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस बार हम कोई संयम नहीं बरतने वाले हैं. इस बार हम कुछ ऐसा करेंगे कि पाकिस्तान का भूगोल तक मिट सकता है. अगर पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में रहना चाहता है तो उसे आतंकवाद को बढ़ावा देना रोकना होगा. उन्होंने सैनिकों से तैयार रहने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर भगवान की इच्छा होगी तो जल्द ही उन्हें अवसर मिलेगा. ऑल द बेस्ट.

'अगली लड़ाई अलग होगी'

उसी दिन तीसरी एयरस्ट्राइक भारत के वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ने कर दी. उन्होंने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 4-5 F-16 लड़ाकू विमान मार गिराए. पाकिस्तान के चीन निर्मित जेएफ-17 फाइटर जेट भी गिराए. एयरचीफ ने कहा कि पाकिस्तान के 10-12 एयरक्राफ्ट नष्ट हुए हैं, इनमें 4 से 5 एफ-16 फाइटर जेट हैं. इनमें से कुछ फाइटर जेट हैंगर में थे, और कुछ फ्लाई कर रहे थे. इसके अलावा 1सी 130 ग्राउंड  और एक अवाक्स भी नष्ट किया गया. एयर चीफ एपी सिंह ने कहा, अगली लड़ाई पुराने से काफी अलग होगी. हमें अभी तैयार रहना है और भविष्य के लिए भी तैयारी करनी है. अगर हमें सुपर पावर बनना है तो आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है.

'प्रलयकारी विनाश का कारण'

इन तीन महत्वपूर्ण बयानों के बाद शनिवार को पाकिस्तानी सेना ने कहा कि भविष्य में दोनों देशों के बीच संघर्ष से ‘‘प्रलयकारी विनाश'' हो सकता है.  पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि ये (भारतीय सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के) ‘‘गैर-जिम्मेदाराना बयान'' आक्रमण के लिए मनमाने बहाने गढ़ने के एक नये प्रयास का संकेत देते हैं और इससे दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए ‘‘गंभीर खतरा'' पैदा हो सकता है. पाकिस्तानी सेना ने बयान में कहा, ‘‘भारत के रक्षा मंत्री तथा उसके थलसेना एवं वायुसेना प्रमुखों के अत्यधिक भड़काऊ बयानों के मद्देनजर, हम आगाह करते हैं कि भविष्य में होने वाला संघर्ष प्रलयकारी विनाश का कारण बन सकता है. अगर फिर से संघर्ष छिड़ा, तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा। हम बिना किसी हिचकिचाहट या संयम के, दृढ़ता से जवाब देंगे.'' बयान में ‘‘पाकिस्तान को मानचित्र से मिटा देने'' की धमकी पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा गया कि भारत को ‘‘यह जान लेना चाहिए कि यदि ऐसी स्थिति आती है, तो उसे भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए.''

चीन की जगह अब अमेरिका?

अब पाकिस्तान के इस गीदड़भभकी को इस बात से समझा जा सकता है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत अकेला लड़ा. वहीं पाकिस्तान को चीन और तुर्किये की पूरी मदद मिली. ये भारतीय सेना ने भी साफ-साफ बताया था. मगर ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर होते ही पाकिस्तान पूरी तरह से अमेरिका की शरण में लोटने लगा. ट्रंप को थैंक्यू कहने के बाद नोबेल के लिए भी नामित कर दिया. पाकिस्तान के पीएम शहबाज और फील्ड मार्शल मुनीर बलोचिस्तान के रेयर मैटेरियल का सौदा कर आए. इसी दौरे पर बंदरगाह बनाने का ऑफर भी दे दिया. साफ है कि पाकिस्तान को समझ आ गया है कि चीन के रोके भारत नहीं रुकने वाला. उसे भारत को रोकने के लिए अमेरिका की भी जरूरत पड़ेगी. यही कारण है कि उसके पास जो भी है, वो अमेरिका को ऑफर कर रहा है. यहां तक की गाजा पीस प्लान पर भी उसने ट्रंप का समर्थन कर दिया. जब पाकिस्तान की जनता ने इसका विरोध किया तो गोल-मोल बातें करना लगा, लेकिन फिर भी विरोध में नहीं उतरा. पाकिस्तान सेना फिलहाल झूठ बोलकर अपनी आवाम के सामने अपनी इमेज को बनाए रखना चाहती है और पाकिस्तानी भी इससे खुश हैं. 

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पाकिस्तान क्यों फैला रहा प्रोपेगेंडा

एनडीटीवी पर शुभांकर मिश्रा के शो कचहरी में पाकिस्तानी पत्रकार हामिद खान की बातों से भी ये पता लगा. पीओके में चल रहे प्रदर्शनों पर बात करने की बजाए वो हैदराबाद तक पाकिस्तानी सेना की जद में होने के दावे करने लगा. पाकिस्तानी पत्रकार एस 400 और राफेल गिराने के अपनी सेना के प्रोपेगेंड़ा को और दो कदम आगे बढ़ाचढ़ा कर बताने लगा. मगर मेजर गौरव आर्य ने उसी के मुंह से कबूलवा लिया कि वो कितना बड़ा झूठा है. हामिद खान ने खुद बताया कि उसने प्रोपेगेंडा पर पीएचडी कर रखी है. हैदराबाद तक पहुंचने वाले दावे को फिर से दोहराने की बात कही गई तो वो खुद ही संकोच में पड़ गया. मगर, झेंपते हुए भी उसने फिर से उसे दोहराया. साफ है कि पाकिस्तानी मान गए हैं कि वो भारत का मुकाबला नहीं कर सकते और भारत से बचने के लिए कभी सऊदी से डील कर रहे हैं तो कभी अमेरिका के चरणों में लोटने को तैयार हैं. 

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