ईरान में एक और स्कूल की लड़की उसके स्कूल पर हुई रेड के दौरान मारी गई है. द गार्डियन की खबर के अनुसार, सुरक्षा बलों ने उसकी पिटाई की थी. सुरक्षा बल चाहते थे कि स्कूल में बच्चे सत्ता समर्थक गाना गाएं लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद सुरक्षा बलों ने स्कूली बच्चों की पिटाई की. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शनों की एक नई लहर उठी थी. यह घटना अर्दबिल में 13 अक्टूबर को शहीद गर्ल्स स्कूल में हुआ था. 15 साल की लड़की अरसा पनाही इस घटना में घायल हुई कई स्कूल छात्राओं में से एक थी, लेकिन बाद में वह मारीं गईं. कॉर्डिनेटिंग काउंसिल ऑफ टीचर्स सिंडिकेट के बयान के अनुसार यह जानकारी सामने आई है.
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के अधिकारियों साफ तौर से कहा है कि देश के सुरक्षा बल इस किशोरी की मौत के ज़िम्मेदार नहीं हैं. पनाही के अंकल होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति टीवी पर आया और उसने बताया कि उसकी मौत दिल की एक बीमारी के कारण हुई.
शुक्रवार को हुई लड़की की मौत के बाद टीचर्स यूनियन ने रविवार को एक बयान जारी कर "क्रूर और अमानवीय छापेमारी" की निंदा की और ईरान के शिक्षा मंत्री यूसुफ नूरी के इस्तीफे की मांग की.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले बुधवार को हुई इस घटना में 7 छात्राएं घायल हुईं थीं और 10 को गिरफ्तार किया गया था.
इसमें मानवाधिकार दफ्तर की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, कुछ सूत्रों ने ऐसा बताया है कि करीब 7 क्षेत्रों में गोलीबारी, मेटल के पेलेट के करीबी वार से और घातक मारपीट से करीब 23 बच्चे मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं"
ईरान में यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब 22 साल की महसा अमीनी की पिछले महीने हिजाब पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी.
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं वीडियो दिखाती हैं कि महिलाएं हवा में अपने हिजाब लहरा रही हैं और पुरुष अधिकारियों का सामना करते हुए नारेबाजी कर रही हैं. ईरान की महिलाओं के समर्थन में कई सेलिब्रिटी भी सामने आए हैं.