- अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी का दावा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
- बी2 बमबारी के बावजूद, ईरान का परमाणु कार्यक्रम शीघ्र ही सामान्य स्थिति में लौट सकता है.
- राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले में ईरान की सुविधाओं को नष्ट करने का दावा किया था, जो गलत साबित हुआ.
अमेरिकी सेना के हमले में ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, यह दावा है अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी का जिसने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. अमेरिका ने पिछले दिनों ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान परमाणु ठिकाने को बी2 बॉम्बर से निशाना बनाया था. अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी ने कहा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ ही दिनों में ट्रैक पर वापस लौट सकता है. डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी की तरफ से ईरान को लेकर किया गए इस दावे को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सिरे से नकार दिया है. यह एजेंसी पेंटागन की इंटेलीजेंस शाखा है.
राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है गलत
ट्रंप ने शुरुआत में दावा किया था कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है. इंटेलीजेंस एजेंसी ने हमले के बाद ईरान की परमाणु महत्वकांक्षाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. सीएनएन की मानें तो इस रिपोर्ट में और ज्यादा जानकारी होने पर बदलाव हो सकता है. ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि हमलों में ईरान की परमाणु एनरिचमेंट फैसिलिटीज को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है. अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी रविवार को कहा था कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को अब 'खत्म' कर दिया गया है.
ईरान ने पहले ही हटा दिया यूरेनियम
एजेंसी के आकलन के बारे में जानकारी रखने वाले दो लोगों ने कहा है कि ईरान के समृद्ध यूरेनियम के भंडार को नष्ट नहीं किया गया है. एक सूत्र ने बताया है कि सेंट्रीफ्यूज काफी हद तक 'बरकरार' हैं. जबकि एक और स्रोत का कहना है कि खुफिया जानकारी के अनुसार अमेरिकी हमलों से पहले ही ईरान ने एनरिच्ड यूरेनियम को साइट्स से हटा दिया था. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम पर सहमति जताते हुए 'ऐतिहासिक जीत' का ऐलान किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके देश का कट्टर दुश्मन कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर पाएगा.