"गाजा पट्टी में बेकसूर लोगों पर हमला बंद करे ", ईरान ने इजरायल को दी धमकी

इज़रायली हमले में बेकसूर लोगों की मौत और ग़ाज़ा पट्टी में मची अफ़रा तफ़री को देखते हुए ईरान ने इज़रायल को चेतावनी दी है कि वो तुरंत अपने हमले बंद करे नहीं तो जंग में हथियारबंद संगठन हिजबुल्लाह भी शामिल हो सकता है.

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नई दिल्ली:

इजरायल का गाजा पट्टी पर हमला जारी है. उधर ईरान ने इजरायल को धमकी दी है कि गाजा पट्टी पर बेकसूर लोगों पर हमला बंद करे नही जंग में हिजबुल्लाह भी शामिल हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो हलात और खराब होंगे. हमास के कब्ज़े वाले गाज़ा पट्टी पर इज़रायल के घातक हमले जारी हैं. इज़रायल लड़ाकू विमानों के साथ-साथ रॉकेट, मिसाइलों और ड्रोन जैसे हथियारों से गाज़ा के इलाकों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है. युद्ध के नौवें दिन इज़रायल अब ज़मीनी रास्ते से गाज़ा में घुसने की तैयारी में है. इसके लिए गाज़ा की सीमा पर टैंक और तोप पहले से तैनात हैं. उत्तरी ग़ाज़ा के लोगों के लिए अपने घर छोड़ने का इज़रायल का अल्टीमेटम ख़त्म हो चुका है. अब इज़रायल कभी भी ज़मीनी रास्ते से ग़ाज़ा में घुस सकता है.

इज़रायल बंद करे हमले

इज़रायली हमले में बेकसूर लोगों की मौत और ग़ाज़ा पट्टी में मची अफ़रा तफ़री को देखते हुए ईरान ने इज़रायल को चेतावनी दी है कि वो तुरंत अपने हमले बंद करे नहीं तो जंग में हथियारबंद संगठन हिजबुल्लाह भी शामिल हो सकता है. अगर इस युद्ध में हिजबुल्लाह के लड़ाके भी शामिल हो गए तो इज़रायल के लिए एक नया मोर्चा लेबनान की सीमा की ओर भी खुल जाएगा जहां हिजबुल्लाह बहुत ताक़तवर है.

हिज्बुल्लाह को मिलता रहा है ईरान से मदद

अनुमान है कि हिज्बुल्लाह के पास क़रीब डेढ़ लाख रॉकेट, मिसाइलें और मोर्टार हैं. जिनसे वो पूरे इज़रायल में किसी भी इलाके को निशाना बना सकता है. यही नहीं उसके पास ईरान में बने ऐसे घातक ड्रोन भी है जो इज़रायल में तबाही मचा सकते है. हिजबुल्लाह पहले ही अल्टीमेटम दे चुका है वह सही समय पर हमास की मदद करेगा. दरअसल इज़रायल के पड़ोसी देश लेबनान में हिजबुल्लाह हमास से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक और संसाधनों से लैस संगठन है जिसे ईरान की पूरी मदद मिलती है.

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हिजबुल्लाह के लड़ाके हमास के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा प्रशिक्षित और गुरिल्ला युद्ध के माहिर हैं. वो आत्मघाती हमलों के लिए भी जाना जाता है. हमास और हिजबुल्लाह दोनों का मक़सद है इज़रायल की बर्बादी. अगर हिजबुल्लाह इस जंग में शामिल हुआ तो युद्ध की ये आग दक्षिण एशिया के बड़े इलाके में फैल सकती है.

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