ईरान में इजरायल के जासूस को फांसी, एक्टिविस्‍ट बोले, टॉर्चर करके कबूल करवाया झूठ

जरायल के साथ 12 दिनों के युद्ध के बाद से ईरान ने जासूसी के आरोप में आठ लोगों को फांसी दी है. एक्टिविस्‍ट्स को डर है कि सरकार फांसी की सजा का सिलसिला फिर शुरू कर सकती है.

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  • ईरान ने बाबाक शाहबाजी को इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में फांसी दी है, जिसमें संवेदनशील जानकारी शामिल थी.
  • एक्टिविस्ट्स का दावा है कि शाहबाजी पर अत्याचार कर झूठा कबूलनामा कराया गया और यूक्रेन को मदद की पेशकश थी.
  • ईरान ने कहा कि शाहबाजी को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड सिखाकर इजरायल की जासूसी के लिए तैयार किया गया था.
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नई दिल्‍ली:

ईरान ने बुधवार को बताया है कि उसने एक ऐसे व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दिया है. इस शख्‍स पर ईरान ने  इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया है. वहीं अगर एक्टिविस्‍ट्स की बात पर यकीन करें तो इस शख्‍स को ईरान की एजेंसियों ने इतना टॉर्चर किया कि उसे झूठा कबूलनामा करना पड़ गया. देश की न्‍यूज एजेंसी मिजान के अनुसार फांसी पर चढ़ाए गए व्यक्ति की पहचान बाबाक शाहबाजी के तौर पर की गई है. उसके बारे में दावा किया गया है कि उसने ईरान के डेटा सेंटर्स और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा की और इजरायल में अपने आकाओं को बेची. 

एक्टिविस्‍ट्स ने क्‍या कहा 

ईरान से अलग एक्टिविस्‍ट्स का कहना है कि शाहबाजी को यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को मदद की पेशकश वाली चिट्ठी लिखने की वजह से हिरासत में लिया गया था. गौरतलब है कि ईरान ने रूस को ड्रोन मुहैया कराए हैं जिनका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए किया है. ईरान के मानवाधिकार समूह ने चेतावनी दी थी कि शाहबाजी को फांसी दी जा सकती है. 

इजरायल ने सिखाई टेक्‍नोलॉजी 

संगठन ने कहा, 'रूस के खिलाफ युद्ध में मदद की पेशकश करने वाले बाबाक के उस संदेश का प्रयोग इजरायल के लिए जासूसी की बात साबित करने के लिए किया गया जो राष्‍ट्रपति जेलेंस्की को दिया गया था. ईरान ने दावा किया था कि इजरायल ने बाबाक को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का इस्तेमाल करना सिखाया था. हालांकि ईरान ने एक्टिविस्‍ट्स की इस बात को मानने से इनकार कर दिया है. ईरान ने यह साफ नहीं किया कि उसने शाहबाजी को कैसे फांसी दी. ईरान में आमतौर पर दोषी कैदियों को फांसी दी जाती है. 

अब तक 8 लोगों को फांसी 

इजरायल के साथ 12 दिनों के युद्ध के बाद से ईरान ने जासूसी के आरोप में आठ लोगों को फांसी दी है. इसके बाद एक्टिविस्‍ट्स को डर सता रहा है कि ईरानी सरकार देश में फांसी की सजा का सिलसिला फिर शुरू कर सकती है. जून में इजरायल ने ईरान के साथ हवाई युद्ध छेड़ दिया था. इसमें कई मिलिट्री कमांडर्स समेत करीब 1,100 लोग मारे गए. जवाब में ईरान ने इजरायल को निशाना बनाकर मिसाइलों की बौछार की. 
 

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