कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में NSA अजीत डोभाल ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को दिया ये संदेश...

5वें NSA-स्तरीय कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरिशस, बांग्लादेश और सेशेल्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

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भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरिशस, बांग्लादेश और सेशेल्स के NSA इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं

मालदीव (Maldives) पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजित डोभाल (Ajit Doval) ने हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean) में समुद्री पड़ोसियों के बीच साझा सुरक्षा चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग को मजबूत करने का बुधवार को आह्वान किया. मालदीव में 5वें NSA-स्तरीय कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) बैठक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की. मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘NSA अजीत डोभाल ने अपने बयान में साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए समुद्री पड़ोसियों के बीच सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया है.'' दो दिवसीय सम्मेलन में भारत, श्रीलंका, मालदीव, मॉरिशस, बांग्लादेश और सेशेल्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

सम्मेलन में मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने मालदीव के सामने उत्पन्न मादक पदार्थ तस्करी, मानव तस्करी, समुद्री डकैती, मत्स्य पालन, आतंकवाद रोधी और हिंसक अतिवाद जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डाला.

मारिया ने सम्मेलन में मॉरिशस की सदस्यता का भी स्वागत किया जिससे इसमें सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि पर्यवेक्षक सदस्य जल्द ही सम्मेलन में शामिल होंगे.

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कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन की स्थापना भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच सुरक्षा सहयोग के चार स्तंभों के साथ एक त्रिपक्षीय सुरक्षा ढांचे के रूप में की गई थी, जिसमें समुद्री सुरक्षा, मानव तस्करी, आतंकवाद का मुकाबला और साइबर सुरक्षा शामिल है.

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पिछले साल नवंबर में भारत, मालदीव और श्रीलंका ने हिंद महासागर क्षेत्र में दो दिवसीय समुद्री अभियान संचालित किया था जिसका उद्देश्य इसे सुरक्षित रखना था. इसमें इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित करना भी शामिल था.

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तीनों देशों की नौसेनाओं के जहाजों और विमानों ने पहले 'कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (सीएससी) फोकस्ड ऑपरेशन' में हिस्सा लिया था.

अधिकारियों के अनुसार, 'सीएससी फोकस्ड ऑपरेशन' का उद्देश्य हिंद महासागर के महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक शिपिंग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिए सुरक्षित रखना था.

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