- अनन्या जोशी, जो अमेरिका में थीं, नौकरी न मिलने की वजह से अमेरिका छोड़कर भारत वापस आ गई हैं.
- उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल वीडियो शेयर कर अमेरिका छोड़ने के अपने अनुभव और भावनाएं बताईं.
- अनन्या ने बताया कि अमेरिका उनके लिए पहला घर था और वहां बिताए पल उनके लिए हमेशा खास रहेंगे.
पिछले दिनों भारत और अमेरिका के बीच काफी कुछ हुआ है. कुछ ऐसे ऐलान हुए हैं जिन्होंने दोनों तरफ कई लोगों के दिल तोड़कर रख दिए हैं. इन घटनाक्रमों के बीच ही एक ऐसा वीडियो आया है जो कई लोगों को इमोशनल कर रहा है. अनन्या जोशी, एक भारतीय महिला पिछले काफी समय से अमेरिका में थीं और अब उन्हें यह देश छोड़कर वापस आना पड़ रहा है. अनन्या को एक अच्छी नौकरी न मिलने की वजह से अमेरिका छोड़कर भारत लौटना पड़ा है. उन्होंने इसका एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है और इसमें उन्होंने बताया है कि आखिर इस मौके पर वह किस स्थिति से गुजर रही हैं.
अब तक का सबसे मुश्किल सफर
अनन्या ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे वह नौकरी तलाश रही हैं. जॉब से जुड़े लेखे-जोखे के चलते वह खबरों में आई थीं. लेकिन अब सही जॉब न मिलने की वजह से अमेरिका छोड़कर आ चुकी हैं. 29 सितंबर को, उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल वीडियो शेयर किया है. इसमें उन्होंने अमेरिका से अपने रवानगी के बारे में बताया है. उन्होंने अमेरिका के लिए आभार जताया है और कहा है कि इस देश को छोड़ना उनके अब तक के सफर का सबसे कठिन कदम था. हकीकत को स्वीकार करने के बावजूद, जोशी ने यह माना कि अमेरिका छोड़ने कको लेकर उन पर जो इमोशनल असर पड़ा है, उससे बाहर आना उनके लिए मुश्किल होगा.
याद आए बीते पल
अनन्या ने वीडियो में अमेरिका में बिताए अपने हर पल को याद किया. उन्होंने बताया कि एक एडल्ट इंडीपेंडेंट के दौर पर यह हमेशा उनका पहला घर रहेगा और इस देश ने उन्हें कभी न भूलने वाले अनुभवों से नवाजा है. जो वीडियो अनन्या ने पोस्ट किया है, उसके कैप्शन में उन्होंने लिखा है, 'इस सफर का अब तक का सबसे कठिन पड़ाव. हालांकि मैंने सच्चाई को स्वीकार कर लिया है लेकिन मैं इस दिन के लिए खुद को तैयार नहीं कर सकती थी. एक इंडीपेंडेंट एडल्ट के तौर पर अमेरिका मेरा पहला घर था और यह मेरे लिए हमेशा एक खास बात रहेगी. हालांकि मैं कम समय के लिए ही रही लेकिन मैं अमेरिका ने मुझे जो जीवन दिया मैं हमेशा उसकी सराहना करती रहूंगी' उन्होंने अंत में कहा, 'अमेरिका, मैं तुमसे प्यार करती हूं.'
F-1 वीजा पर गई थीं अमेरिका
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने वाली जोशी ने साल 2024 में एफ-1 ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से एक बायोटेक स्टार्टअप में वर्क एक्सपीरियंस हासिल किया. हाल ही में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और अब वह नई नौकरी की तलाश रही हैं. एफ-1 ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम (ओपीटी), एफ-1 वीजा पर अमेरिका में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को पढ़ाई के लिए 12 महीने तक अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है.