- भारतीय आवास परियोजना के फेज-2 के चौथे चरण का श्रीलंका में राष्ट्रपति दिसानायके की उपस्थिति में शुभारंभ हुआ
- परियोजना के तहत 60 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें भारत 18 अरब रुपये से अधिक सहायता दे रही
- पीएम मोदी ने 2017 में बागान क्षेत्रों के लिए 10 हजार अतिरिक्त घरों के निर्माण की घोषणा की थी
भारत की सबसे बड़ी विदेशी विकास पहलों में से एक, भारतीय आवास परियोजना (Indian Housing Project - IHP) के फेज-2 के चौथे चरण की शुरुआत रविवार को श्रीलंका में हुई. इस शुभारंभ कार्यक्रम में श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके शामिल हुए, जो भारत और श्रीलंका के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है.
'इस परियोजना के तहत कुल 60,000 घरों का निर्माण होना है'
इस लॉन्च कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा भी मौजूद रहे. भारतीय उच्चायोग ने बताया कि, "इस परियोजना के तहत कुल 60,000 घरों का निर्माण किया जाना है, जिसके लिए भारत सरकार 18 बिलियन रुपये से अधिक की अनुदान सहायता दे रही है. वहीं, इस मौजूदा चौथे चरण में 4,700 घरों का निर्माण शामिल है."
भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "भारतीय आवास परियोजना फेज-2 के चौथे चरण का शुभारंभ राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके, श्रीलंका के बागान और सामुदायिक बुनियादी ढांचा मंत्री सामंथा विद्यारत्न, मत्स्य पालन मंत्री, उप मंत्री, सांसद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी में हुआ."
तमिल समुदाय के सशक्तिकरण पर फोकस
इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट के इस चरण की शुरुआत ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच विकास सहयोग तेजी से बढ़ रहा है. इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट का यह चौथा चरण विशेष रूप से 4,700 लाभार्थियों को कवर करेगा. इस परियोजना के तीसरे और चौथे चरण में श्रीलंका के बागान क्षेत्रों में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के सशक्तिकरण पर फोकस किया गया है, जिसमें 14,000 घरों का निर्माण किया जाना है.
साल 2010 में परियोजना का हुआ था आगाज
2010 में, भारत सरकार ने घोषणा की थी कि वह श्रीलंका में 33 अरब श्रीलंकाई रुपये की लागत से 50,000 घर बनाएगी. भारतीय उच्चायोग के अनुसार, 1,000 घरों के निर्माण से संबंधित एक पायलट परियोजना नवंबर 2010 में शुरू की गई, जो जुलाई 2012 में पूरी हो गई थी. वहीं, दूसरे चरण में उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में 45,000 घरों का निर्माण 2018 तक पूरा हुआ. तीसरे चरण में 3,900 से अधिक घर पूरे हो चुके हैं, और बाकि घरों का निर्माण कार्य अभी चल रहा है, इसमें 4,000 घरों का लक्ष्य रखा गया था.
2017 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागान क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त 10,000 घरों के निर्माण की घोषणा की थी, जिससे कुल लक्ष्य 60,000 घरों का हो गया. उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि यह पहल वैश्विक विकास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका और पड़ोसी देशों के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों को बताती है.