बीजिंग में भारतीय राजदूत ने चीनी अधिकारी से की मुलाकात, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार मिले

चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी की मुलाकात गुरुवार को हुई.भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के अधिकारियों की यह पहली मुलाकात थी.

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बीजिंग:

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन के शीर्ष राजनयिकों ने पिछले वर्ष दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेदोंग के बीच गुरुवार को हुई बैठक ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच पहली कूटनीतिक बातचीत है. यह बातचीत ऐसे समय पर हुई जब कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोनों देश अंतिम रूप दे रहे हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है

चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरतापूर्वक लागू करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष सांस्कृतिक संबंधों और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने, मतभेदों को उचित रूप से दूर करने और स्वस्थ व स्थायी तौर पर चीन-भारत संबंधों के विकास को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी काम कर रहे हैं.इस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने साझा चिंता के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.

सुन भारत में चीन राजदूत रह चुके हैं. वो फिलहाल दक्षिण एशिया मामलों को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हैं.
गुरुवार की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब दोनों देश भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए तिब्बत में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.

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भारत चीन के सामान्य होते संबंध

विदेश मंत्रालय ने 26 अप्रैल को घोषणा की थी कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों- उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला के जरिए होगी. कोविड-19 महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण 2020 में यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी.

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पिछले साल अक्टूबर में हुए एक समझौते के तहत डेमचोक और डेपसांग में सैनिकों की पूरी तरह वापसी के बाद, रूस के कजान में हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विभिन्न द्विपक्षीय संवाद तंत्रों को फिर से सक्रिय करने पर सहमति जताई. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के उद्देश्य से पिछले कुछ महीनों में कई बैठकें कीं हैं. इससे पहले, रावत और सुन ने नौ अप्रैल को मुलाकात की थी. दोनों अधिकारियों ने द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया था.

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