भारत वहीं से तेल खरीदेगा, जहां से उसे लाभ होगा... रूस में भारत के राजदूत की अमेरिका को खरी-खरी

रूस में भारत के राजदूत ने बताया कि भारत 2026 में ब्रिक्स की अपनी अध्यक्षता के दौरान सबसे पहले ग्लोबल साउथ देशों के हितों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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  • भारत अपने 1.4 अरब नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाणिज्यिक आधार पर तेल खरीदता रहेगा.
  • अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने पर भारत के आयात शुल्क में वृद्धि की, जिसका भारत ने विरोध किया है.
  • भारत और रूस के बीच तेल भुगतान के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं में एक कार्यशील प्रणाली स्थापित है.
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रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने TASS को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि भारत वहीं से तेल खरीदेगा, जहां से उसे लाभ होगा. राजदूत ने कहा, "सबसे पहले, हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारा उद्देश्य भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा है और रूस के साथ भारत के सहयोग से, कई अन्य देशों की तरह, तेल बाजार और वैश्विक तेल बाजार में स्थिरता लाने में मदद मिली है. इसलिए अमेरिका का निर्णय अविवेकपूर्ण और अनुचित है. अब सरकार ऐसे कदम उठाती रहेगी, जिनसे देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो. व्यापार वाणिज्यिक आधार पर होता है. इसलिए यदि वाणिज्यिक लेन-देन और आयात का आधार सही है, तो भारतीय कंपनियां जहां भी उन्हें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा, वहां से खरीदारी जारी रखेंगी. तो वर्तमान स्थिति यही है."

राजनयिक ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार आपसी हितों पर आधारित एक द्विपक्षीय संबंध है. उन्होंने कहा, "हमारा व्यापार बाज़ार के कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है. अमेरिका सहित कई अन्य देश और यूरोप के देश भी रूस के साथ व्यापार करते हैं."

आपको बता दें कि 6 अगस्त को, अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं के आयात पर शुल्क 25% (50% तक) बढ़ा दिया, क्योंकि भारत रूसी तेल और तेल उत्पाद खरीद रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि रूसी तेल आयात के संबंध में अमेरिका और यूरोपीय संघ की बयानबाजी अनुचित है.

तेल भुगतान में कोई समस्या नहीं

विनय कुमार ने आगे कहा कि भारत और रूस को तेल आयात के भुगतान में कोई समस्या नहीं आ रही है. उन्होंने कहा, "भारत और रूस में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान की एक कार्यशील प्रणाली है. अब तेल आयात के भुगतान में कोई समस्या नहीं है."

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय सहाय ने TASS को पहले बताया था कि रूसी निर्यातकों के भारतीय बैंकों में अरबों रुपये जमा हैं. हालांकि, उन्होंने कोई निश्चित राशि नहीं बताई. FIEO प्रमुख ने आगे कहा कि रूस के साथ भारतीय रुपये में व्यापार अभी भी जारी है.

ब्रिक्स पर दिया जोर

रूस में भारत के राजदूत ने बताया कि भारत 2026 में ब्रिक्स की अपनी अध्यक्षता के दौरान सबसे पहले ग्लोबल साउथ देशों के हितों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. राजदूत ने कहा, "2026 में ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में भारत, वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने और ग्लोबल साउथ के हितों की वकालत करने के लिए ब्रिक्स को एक मंच के रूप में उपयोग करने का प्रयास करेगा." राजदूत ने "ब्रिक्स को एक नए रूप में परिभाषित करने" के इरादे से संबंधित भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को याद किया.

कुमार ने भारतीय प्रधानमंत्री के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, "ब्रिक्स का अर्थ होगा सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार का निर्माण. जिस प्रकार, जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, हमने अपने एजेंडे में वैश्विक दक्षिण के मुद्दों को प्राथमिकता दी थी, उसी प्रकार ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान, हम इस मंच को जन-केंद्रित और मानवता सर्वोपरि की भावना से आगे बढ़ाएंगे." राजदूत ने ज़ोर देकर कहा कि नई दिल्ली का ध्यान "स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी विकास और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों" पर होगा.

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