भारत पाकिस्तान के साथ चाहता है अच्छे संबंध, लेकिन सुरक्षा की कीमत पर नहीं

“हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध की इच्छा रखते हैं लेकिन यह हमारी सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकता है".- विदेश सचिव

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सरकार के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की तरह ‘पड़ोस प्रथम’ पहल महत्वपूर्ण प्रयास है. 

भारत (India) ने कहा है कि हम पाकिस्तान (Pakistan) के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन उसके लिए देश के सुरक्षा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने ‘पड़ोस प्रथम' को भारत की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए बुधवार को कहा कि “हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध की इच्छा रखते हैं लेकिन यह हमारी सुरक्षा की कीमत पर नहीं” हो सकता है. श्रृंगला ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में ‘भारत के पड़ोस' पर प्रशिक्षण प्रकल्प के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की तरह ‘पड़ोस प्रथम' पहल महत्वपूर्ण प्रयास है. 

 ‘पड़ोस प्रथम' भारत की विदेश नीति की सभी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है.''उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पड़ोस प्रथम नीति में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, म्यामां, पाकिस्तान, श्रीलंका के साथ हमारे संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने कहा कि इन देशों में पाकिस्तान के अपवाद को छोड़कर अन्य के साथ हम काफी निकटता से काम कर रहे हैं .

श्रृंगला ने कहा, ‘‘ हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं लेकिन ये हमारी सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकते.''

चीन के साथ संबंधों को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि हमने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता हमारे संबंधों के विकास के लिये जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत-चीन संबंधों का विकास तीन साझी बातों... आपसी सम्मान, साझी संवेदनशीलता और आपसी हित पर आधारित होना चाहिए.''

विदेश सचिव ने कहा कि एक नीति के तौर पर ‘पड़ोस प्रथम' को हमारे पड़ोसियों के क्षमता निर्माण और परियोजनाओं के अनुपालन के आधार पर सहयोग को मजबूत बनाने के लिये सक्रिय होने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि जहां भी संभव हो, हमें राष्ट्रीय विकास योजनाओं को अपने सहयोगियों की चिंताओं एवं संप्रभुता का हनन किये बिना आगे बढ़ाने एवं जोड़ने के रास्ते तलाशने चाहिए.

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विदेश सचिव ने कहा कि इसके साथ ही हमें भू राजनीतिक वास्तविकताओं तथा सीमापार आतंकवाद एवं अपराध जैसे वास्तविक खतरों का भी मुकाबला करना चाहिए .

श्रृंगला ने अफगानिस्तान के मित्रवत लोगों के साथ भारत के विशेष संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की मानवीय स्थिति को देखते हुए भारत ने वहां के लोगों के लिये 50 हजार मिट्रिक टन गेहूं तोहफे में देने का निर्णय किया है और इसकी पहली खेप भेजी जा चुकी है.

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उन्होंने अफगानिस्तान को कोविड-19 रोधी टीके, जीवन रक्षक दवाओं एवं सर्दी में उपयोग किये जाने वाले कपड़ों की आपूर्ति का भी जिक्र किया.  म्यामां का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हम म्यामां के साथ जुड़े हुए हैं जिसके साथ हमारी 1700 किलोमीटर लम्बी सीमा है.

विदेश सचिव ने कहा, ‘‘ हमारे संपर्कों में हम भारत के हित में म्यामां में जल्द से जल्द लोकतंत्र की बहाली पर जोर दे रहे हैं। ''

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भाषा दीपक मनीषा प्रशांत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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