भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच जापान (Japan) में क्वाड (QUAD) बैठक से इतर द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो हो गई है. दो दिन की यात्रा पर जापान पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडेन से कहा कि कहा कि आपसे मिलकर खुशी होती है. उन्होंने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच भरोसे का रिश्ता है और व्यापार के अलावा भी दोनों देशों के रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं. तकनीक में साझेदारी बढ़ी लेकिन दोनों देशों के रिश्तों में संभावनाओं को और खंगाला जाना ज़रूरी."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo- Pacific) में समान सोच वाले देशों को साथ में लेकर चलेंगे. क्वाड के साथ आने से विस्तारवादी देशों के खिलाफ मजूबती मिलेगी. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वो चाहते हैं कि उनके कार्यकाल में भारत के साथ अमेरिका के संबंध मजबूत हों और करीबी हों. अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का मुद्दा भी उठाया. जो बाइडेन ने कहा कि पुतिन का रुख एक- या देश का मुद्दा नहीं, यह पूरे विश्व का संकट है.
24 मई को क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के अलावा प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के भी मुलाकात का कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री मोदी अपनी जापान यात्रा के दौरान 36 से अधिक जापानी सीईओ और सैकड़ों भारतीय प्रवासी सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात से पहले बाइडेन ने 23 मई को तोक्यो में एक नई और महत्वाकांक्षी आर्थिक पहल "हिंद-प्रशांत आर्थिक मसौदा' (आईपीईएफ) की नींव रखी. इसमें भारत समेत हिंद-प्रशांत के 12 देश शामिल हुए हैं.
‘‘ इस मसौदे में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए नियम तैयार किए जाएंगे ताकि सुरक्षित एवं मजबूत आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जा सके, इसके अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में तथा स्वच्छ, आधुनिक उच्च स्तरीय अवसंरचना में निवेश आदि पर भी नियम बनाए जाएंगे.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नई व्यापार रूपरेखा के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम का मकसद समान विचार वाले देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा, जुझारू आपूर्ति श्रृंखला और डिजिटल कारोबार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा बनाना है. यह व्यापार रूपरेखा अमेरिका की पहल है.
अमेरिका द्वारा शुरू की गई पहल ‘हिंद-प्रशांत की समृद्धि के लिए आर्थिक रूपरेखा' (IPEF) को क्षेत्र में चीन की आक्रामक कारोबारी रणनीति का मुकाबला करने के अमेरिकी प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो में आईपीईएफ (IPEF) के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.''
इस समारोह में जुड़ने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल रहे.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि आईपीईएफ के माध्यम से सदस्य देशों के बीच आर्थिक गठजोड़ मजबूत बनाने पर जोर देने की बात कही गई है जिसका उद्देश्य हिंद प्रशांत में जुझारूपन, वहनीयता, समावेशिता, आर्थिक वृद्धि, निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है.