भारत (India) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच जल्द ही व्यापार (Trade) और निवेश (Investment) पहले से भी आसान हो सकता है. भारत और UAE के बीच प्रस्तावित व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के सभी पहलुओं पर सहमति बन गयी है और इस पर बहुत जल्द हस्ताक्षर हो सकते हैं. इससे भारत और UAE के व्यापारिक रिश्तों के स्वर्णिम युग (Golden Era) की शुरुआत होगी. भारत में UAE के राजदूत अहमद अलबन्ना (Amb. Ahmad Albanna) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. एक विचारक समूह (Think Tank) की वर्चुअल प्रोग्राम में उन्होंने यह भी कहा कि कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और राजनैतिक परामर्श में भारत और UAE के बीच संबंध और प्रगाढ़ हो रहे है.
CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर होने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में संबंध और अधिक मजबूत होंगे. साथ ही CEPA पर हस्ताक्षर के बाद इनोवेशन एंड डाइवर्सिफिकेशन के मुद्दों पर दोनों देश निकटता से काम करेंगे.
CEPA लगभग मुक्त व्यापार समझौते की तरफ ही होता है. इसमें केवल व्यापार ही नहीं सेवाओं, निवेश, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स और व्यापार को आसान बनाने के अन्य तरीकों पर भी बातचीत होती है. फिलहाल भारत का जापान, दक्षिणी कोरिया, मॉरीशिस के साथ CEPA समझौता हो चुका है और कनाडा, थाइलैंड के साथ CEPA समझौते को लेकर बातचीत चल रही है.
भारत में UAE के राजदूत अहमद अलबन्ना , UAE लगातार 8वें साल भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी रहा है. भारत और UAE के बीच 2020-2021 में तेल के अलावा सालाना व्यापार 40 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया है. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार करीब 60 बिलियन डॉलर का है. अगर भारत और UAE के बीच CEPA पर हस्ताक्षर हो जाते हैं तो अगले पांच सालों में द्विपक्षीय व्यापार के की गुणा बढ़ने की उम्मीद है.
आगे उन्होंने कहा, "चुनौती भरे समय के बावजूद भारत और UAE ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में गंभीरता दिखाई और महामारी के बाद दोनों देश और नज़दीक आए हैं. हम भारत के साथ पारंपरिक तौर पर ऊर्जा, व्यापार और मानवसंसाधन के क्षेत्रों में संबंधों को महत्व देते आए हैं. लेकिन हाल ही के समय में एक दूसरे के साथ नए रणनीतिक क्षेत्रों में भी रिश्ते मज़बूत हो रहे हैं. ये क्षेत्र हैं- रक्षा, सुरक्षा, फूड सिक्योरिटी, स्पेस, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आदि."
UAE के राजदूत ने कहा कि भारत के साथ हमने CEPA समझौते की शर्तों पर चार महीने से कम समय में सहमति बनाई. यह दिखाता है कि दोनों देशों में इस समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर कितना उत्साह है. दोनों पक्ष समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए अब अपने नेतृत्व से अंतिम संकेत मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
अलबन्ना ने कहा कि यूएई भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए एक प्रतिबद्ध भागीदार के रूप में खड़ा रहेगा और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत हुई है.
उन्होंने यह भी कहा कि नवगठित समूह जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, भारत, इजराइल और अमेरिका शामिल हैं, अब्राहम समझौते और त्रिपक्षीय संयुक्त अरब अमीरात-भारत-इजराइल सहयोग का ही परिणाम है.
अहमद अलबन्ना ने UAE के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. डॉ लगातार डिप्लोमैटक स्कूल्स में अपनी क्षमताओं का विकास करते रहते हैं और डॉ अलबन्ना की मीडिया के प्रति सकारात्मक और रचनात्मक एप्रोच रही है और इसकी वजह से उनकी वजह से UAE की अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में छवि भी बेहतर हुई है.