तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों और भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी के बीच, द्वीपसमूह देश मालदीव के पर्यटन मंत्री ने भारतीयों से घूमने के लिए उनके देश आकर, अर्थव्यवस्था में योगदान देने का आग्रह किया. पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने अपने देश और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, "हमारा एक इतिहास है. हमारी नवनिर्वाचित सरकार भी भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है. हम हमेशा शांति और मैत्रीपूर्ण माहौल को बढ़ावा देते हैं. हमारे लोग और सरकार भारत के लोगों के आगमन का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे. पर्यटन मंत्री के रूप में, मैं भारतीयों से कहना चाहता हूं कि कृपया मालदीव के पर्यटन का हिस्सा बनें, हमारी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है."
कई मशहूर हस्तियों सहित लाखों भारतीयों ने मालदीव जाने की अपनी योजना रद्द कर दी. पर्यटन आगमन के आंकड़े बताते हैं कि बड़ा पर्यटक देश होने के बावजूद, जनवरी के बाद भारत का स्थान पहले से छठे स्थान पर आ गया.
सोमवार को प्रकाशित sun.mv की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के पहले चार महीनों की तुलना में इस साल के पहले चार महीनों में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 42 प्रतिशत की गिरावट आई है.
इस साल की शुरुआत में, मालदीव के लिए भारत शीर्ष पर्यटक बाज़ार था. समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, साल के कुछ ही समय में, भारत शीर्ष पर्यटक बाजारों में छठे स्थान पर आ गया.
रिपोर्ट में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में नए प्रशासन के सत्ता संभालने के बाद भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों को भारतीय पर्यटकों में भारी गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
राष्ट्रपति मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है, उन्होंने नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा था कि वो भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे. इसके बाद से भारत-मालदीव संबंधों में तनाव आने लगा.
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और मोदी सरकार की 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' जैसी इसकी पहलों में एक विशेष स्थान रखता है.