भारत ऑपरेशन सिंदूर के बाद मंगोलिया के साथ उलानबटोर में कर रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास

सैन्य अभ्यास के दौरान, दोनों देशों की सेनाएं विविध सामरिक युद्धाभ्यासों में भाग लेंगी, आपसी अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगी और एक-दूसरे की कार्यशैली से सीखेंगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफैंट का 17वां संस्करण 31 मई 2025 को मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर स्थित विशेष बल प्रशिक्षण केंद्र (Special Forces Training Centre) में आरंभ हो गया है. उद्घाटन समारोह में भारत के मंगोलिया में राजदूत  अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे और मंगोलियाई सेना की ओर से मेजर जनरल ल्खगवसुरेन गैंसेलेम ने भाग लिया. दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने भाग ले रहे सैनिकों को शुभकामनाएं दीं और आशा व्यक्त किया कि यह अभ्यास भारत और मंगोलिया की सेनाओं के बीच सहयोग और आपसी समझ को नई ऊंचाई प्रदान करेगा. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यह अभ्यास दोनों सेनाओं की संचालनात्मक तत्परता और आपसी तालमेल को और बेहतर बनाएगा. यह अभ्यास सत्र स्वाभाविक रूप से लंबे समय से चले आ रहे भारत-मंगोलिया रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाएगा.

यह संस्करण 31 मई से 13 जून 2025 तक आयोजित किया जाएगा और इसमें पहले की तुलना में अधिक विस्तृत गतिविधियां शामिल की जाएंगी, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाती है. विशेष रूप से, अभ्यास में अर्ध-पर्वतीय भूभाग में आतंकवाद विरोधी अभियानों का प्रशिक्षण शामिल होगा, जो आज के सुरक्षा परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों से संबंधित गतिविधियों का अभ्यास भी किया जाएगा, जिसमें बहुराष्ट्रीय सेनाओं द्वारा जटिल परिस्थितियों में समन्वित संचालन की स्थितियों का अनुकरण किया जाएगा. इसका उद्देश्य ऐसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति दोनों सेनाओं की सामूहिक प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करना है.

अभ्यास के दौरान, दोनों देशों की सेनाएं विविध सामरिक युद्धाभ्यासों में भाग लेंगी, आपसी अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगी और एक-दूसरे की कार्यशैली से सीखेंगी. यह आपसी प्रशिक्षण न केवल सैन्य कौशल को बेहतर बनाएगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में मित्रता और विश्वास के मजबूत सूत्र भी अटूट बनाएगा.

अभ्यास के समापन पर यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और मंगोलिया क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आज के सुरक्षा परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों से संबंधित गतिविधियों का अभ्यास भी किया जाएगा, जिसमें बहुराष्ट्रीय सेनाओं द्वारा जटिल परिस्थितियों में समन्वित संचालन की स्थितियों का अनुकरण किया जाएगा. इसका उद्देश्य ऐसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति दोनों सेनाओं की सामूहिक प्रतिक्रियात्मक क्षमताओं को अत्यधिक मजबूत करना है.

Advertisement

सैन्य अभ्यास का मकसद क्या

अभ्यास के दौरान, दोनों देशों की सेनाएं विविध सामरिक युद्धाभ्यासों में भाग लेंगी, आपसी अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगी और एक-दूसरे की कार्यशैली से सीखेंगी. यह आपसी प्रशिक्षण न केवल सैन्य कौशल को बेहतर बनाएगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों में मित्रता और विश्वास के मजबूत अध्याय भी लिखने में सफल होगा. अभ्यास के समापन पर यह स्पष्ट होगा कि भारत और मंगोलिया क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए पूर्ण रूप से  प्रतिबद्ध हैं.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Chenab Bridge Kashmir: 36 सुरंगें, 943 पुल, अब रेल से कश्मीर जाने का बनाइए प्लान | NDTV Explainer
Topics mentioned in this article