भारत ने यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब
भारत वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को लगातार बेनकाब कर रहा है. इसी क्रम में भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में पाकिस्तान की ना सिर्फ पोल खोल दी बल्कि आतंकवाद के मसले पर उसे खरी-खीर भी सुनाई है. भारत ने सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की गलत सूचना को लेकर भी उसकी कड़ी आलोचना की. आपको बता दें कि इस संधि को पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दिया गया था. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि 65 साल पुरानी यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि "आतंकवाद का वैश्विक केंद्र" पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता. उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में जिम्मेदार तरीके से काम किया है. इस दौरान हरीश ने पाकिस्तान का झूठ सामने लाने के लिए चार अहम जानकारियां भी साझा की.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले, भारत ने 65 साल पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी. उस संधि की प्रस्तावना में बताया गया है कि इसे किस तरह भावना और मित्रता के साथ संपन्न किया गया था. साढ़े छह दशकों के दौरान, पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हज़ारों आतंकी हमले करके उस संधि की भावना का उल्लंघन किया है. आतंकियों को पाकिस्तान से मिलने वाले समर्थन की वजह से बीते 40 सालों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय ऐसे आतंकी हमलों में मारे गए हैं. भारत में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमापार आतंकवाद का उद्देश्य नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना है.
भारतीय राजदूत ने आगे कहा कि इन 65 वर्षों में दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं, न केवल सीमा पार आतंकवादी हमलों के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताएं भी सामने आई हैं. बांधों के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है ताकि संचालन और जल उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके. कुछ पुराने बांधों को गंभीर सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, पाकिस्तान ने इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव और संधि के तहत अनुमत प्रावधानों में किसी भी संशोधन को लगातार रोकना जारी रखा है.
उन्होंने तीसरी जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत ने पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर पाकिस्तान से संशोधनों पर चर्चा करने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है. हालांकि, पाकिस्तान इनसे इनकार करता रहा है और पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता रहा है.
राजदूत हरीश ने आखिर में बताया इस पृष्ठभूमि में भारत ने अंततः घोषणा की है कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता.