भारत ने यमन के कई इलाकों में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि इस स्थिति से अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों को युद्धग्रस्त इस देश में अपने पैर पसारने के अवसर मिलेंगे.
यमन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक बैठक में सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने तैज, अल जाफ़ और सना में सैन्य झड़पों की खबरों पर ‘गंभीर चिंता' जताई और कहा कि इन झड़पों में कई लोग हताहत हुए, व्यापक पैमाने पर विनाश हुआ और नागरिकों का पलायन हुआ.
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नायडू ने कहा, ‘‘हम यमन के कई हिस्सों में, खासतौर से मारिब में हाल की झड़पों को लेकर चिंतित हैं.'' मारिब में यमन के कई इलाकों से विस्थापित हुए लोग बड़ी संख्या में आते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा हालात से अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों को यमन में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का मौका भी मिल जाएगा जो कि चिंता का सबब है.''
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नायडू ने अंसरअल्लाह द्वारा सऊदी अरब में किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों और देश में असैन्य तथा ऊर्जा प्रतिष्ठानों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने की भी निंदा की. उन्होंने सभी पक्षों से हिंसा को खत्म करने और राजनीतिक समाधान के लिए वार्ता करने की दिशा में सार्थक कदम उठाने की अपील की.
यमन के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफिथ ने परिषद को बताया कि यमन में हालात काफी बिगड़ गए हैं और मारिब में अंसारअल्लाह के हमले लगातार हो रहे हैं जिससे नागरिकों की जान खतरे में है. इनमें देश में ही विस्थापित करीब दस लाख नागरिक शामिल हैं.
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