पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज को शनिवार को पंजाब का नया मुख्यमंत्री चुना गया, जिसमें इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और उसकी सहयोगी पीएमएल-क्यू ने महत्वपूर्ण विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया. पंजाब विधानसभा में छह घंटे तक चले सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के नेताओं और विपक्षी नेताओं के बीच हाथापाई हुई. पीटीआई-पीएमएलक्यू गठबंधन के उम्मीदवार परवेज इलाही घायल हो गए, जबकि डिप्टी स्पीकर दोस्त मुहम्मद मजारी से भी हाथापाई की गई. मजारी पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने पीटीआई के तीन विधायकों को गिरफ्तार किया है.
डिप्टी स्पीकर मजारी ने नतीजे की घोषणा की जिसमें हमजा को 197 मत मिले. देश के दूसरे सबसे बड़े प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के लिए 371 सदस्यीय सदन में किसी उम्मीदवार को 186 मतों की आवश्यकता थी. हमजा (48) शहबाज के सबसे बड़े पुत्र हैं. वह 14 अरब रुपये के धन शोधन मामले में जमानत पर हैं जिसकी जांच संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) कर रही है. पिछले साल राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा रमजान चीनी मिल और धनशोधन मामलों में जमानत पर रिहा होने से पहले हमजा 20 महीने जेल में रहे थे.
हमजा के प्रतिद्वंद्वी इलाही और उनके समर्थक विधायकों ने गुंडागर्दी के कारण चुनाव का बहिष्कार किया. डाले गए कुल मतों में से हमजा ने पीटीआई के असंतुष्ट विधायकों के 24 मत पाने में कामयाबी हासिल की. पूरे सत्र के दौरान, दोनों पक्ष मुख्यमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया में कई घंटों तक बाधा डालते हुए बहस करते रहे. इससे पहले, पंजाब विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया जब पीटीआई के विधायकों ने डिप्टी स्पीकर दोस्त मुहम्मद मजारी से हाथापाई की. मजारी प्रांत के नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए बुलाए गए महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने पहुंचे थे.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विधायकों ने मजारी पर हमला किया और वफादारी बदलने के लिए उनके बाल खींचे. टीवी फुटेज में दिखा है कि मजारी को सुरक्षा गार्ड द्वारा बचाने से पहले पीटीआई सदस्यों ने उन्हें थप्पड़, घूंसे मारे और घसीटा. मजारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझपर हमला करने वाले पाकिस्तान में मार्शल कानून चाहते हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे.'' पंजाब विधानसभा के पीटीआई के तीन सदस्यों की शनिवार को गिरफ्तारी के बाद सत्तारूढ़ दल ने सत्र का बहिष्कार किया.
पीटीआई के विधायक सदन में लोटा लाए और ‘‘लोटा, लोटा'' (दल-बदलू) के नारे लगाने लगे. उन्होंने असंतुष्ट पीटीआई विधायकों पर निशाना साधा जिन्होंने पार्टी से नाता तोड़ लिया है और विपक्ष का समर्थन करने का फैसला किया. सत्र फिर से शुरू होने से पहले, सदन में इलाही और हमजा समर्थकों के बीच एक और हाथापाई हुई, जिसमें इलाही घायल हो गए. बताया जाता है कि उनका हाथ टूट गया है. विधानसभा में हाथापाई के बारे में बात करते हुए इलाही ने दावा किया कि हमजा सदस्यों को ‘‘मारने'' का आदेश दे रहे थे.
पहली हाथापाई के बाद जब मजारी पर हमला हुआ तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, विधानसभा के बाहर तैनात पुलिस ने सदन में प्रवेश किया. इलाही और अन्य सदस्यों ने इसका विरोध किया और इसे सदन की गरिमा का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के इतिहास में पुलिस कभी भी पंजाब विधानसभा में नहीं घुसी. हम पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक को तलब करेंगे और कानून के तहत उन्हें एक महीने की सजा देंगे.'' पंजाब विधानसभा में पीटीआई के 183 विधायक हैं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यू के 10 सदस्य हैं. पीएमएल-एन के 165, पीपीपी के सात विधायक, पांच निर्दलीय और एक सदस्य राह-ए-हक से संबंधित है.