भारत-पाक तनाव से जुड़ी हाईलेवल मीटिंग से इमरान खान की पार्टी ने किया किनारा

पीटीआई ने कहा, “चूंकि, यह महज एक सरकारी बैठक है और इसके जरिये राष्ट्रीय सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं दिखता है, न ही इसमें इमरान खान जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेता को शामिल करने का कोई इरादा है, इसलिए हमारा मानना ​​है कि इस बैठक में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की भागीदारी जरूरी नहीं है.”

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पेशावर:

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने रविवार को घोषणा की कि वह पाकिस्तान और भारत के बीच मौजूदा स्थिति पर आयोजित होने वाली प्रमुख सरकारी बैठक में शामिल नहीं होगी. इस निर्णय की घोषणा पार्टी की राजनीतिक समिति ने एक बयान में की.

पीटीआई ने कहा, “चूंकि, यह महज एक सरकारी बैठक है और इसके जरिये राष्ट्रीय सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं दिखता है, न ही इसमें इमरान खान जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेता को शामिल करने का कोई इरादा है, इसलिए हमारा मानना ​​है कि इस बैठक में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की भागीदारी जरूरी नहीं है.”

हालांकि, पार्टी ने कहा कि पीटीआई आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करती है और राष्ट्रीय एकता के महत्व को पहचानती है, लेकिन मौजूद राजनीतिक परिस्थितियों में वह बैठक में हिस्सा नहीं ले सकती.

उसने कहा कि इमरान ने जेल से राष्ट्र के नाम अपने संदेश में स्पष्ट रूप से आतंकवाद की निंदा की है, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय एकता, एकजुटता और आंतरिक स्थिरता की आवश्यकता पर भी बल दिया है.

पार्टी ने कहा, “उनका (इमरान का) रुख एकदम स्पष्ट है और जिस अंतर्दृष्टि और साहस के साथ उन्होंने देश को एकता का संदेश दिया है, वह एक राष्ट्रीय नेता की सोच का प्रतिबिंब है.”

पीटीआई ने सरकार से इस महत्वपूर्ण समय में सामूहिक निर्णय लेने के लिए तत्काल एक सर्वदलीय बैठक (एपीसी) बुलाने की मांग की. उसने कहा, “दुर्भाग्य से सरकार ने यह अवसर खो दिया. एपीसी नहीं बुलाई गई, इसके बजाय सरकार के एक मंत्री एकतरफा जानकारी दे रहे हैं.”

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पार्टी ने यह भी कहा कि उसका स्पष्ट रुख है कि किसी भी बाहरी आक्रमण की स्थिति में “वह देश और राष्ट्र की रक्षा के लिए सबसे आगे खड़ी रहेगी.”

इससे पहले, सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि बैठक में सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार और सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा स्थिति तथा पाकिस्तान और भारत के बीच जारी तनाव के संदर्भ में जानकारी देंगे.

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खटास आ गई है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में हुआ सबसे घातक हमला था.

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