पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकवाद से जुड़े पांच मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दी गई अग्रिम जमानत की अवधि शुक्रवार को 27 मार्च तक के लिए बढ़ा दी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान (70) शुक्रवार को कड़े सुरक्षा घेरे के बीच लाहौर उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ के समक्ष पेश हुए. इमरान को पिछले हफ्ते आतंकवाद के इन मामलों में गिरफ्तारी से 24 मार्च तक के लिए सुरक्षा प्रदान की गई थी.
इन पांच मामलों में से एक इस्लामाबाद में एक न्यायिक परिसर में कथित हमले से संबंधित है. सरकार के विधि अधिकारी ने इमरान की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाने का यह कहते हुए विरोध किया कि उन्हें इस्लामाबाद की अदालत से जमानत हासिल करनी चाहिए.
इमरान ने पिछले हफ्ते लाहौर उच्च न्यायालय में कहा था कि इस्लामाबाद की एक अदालत में पेशी के दौरान इस्लामाबाद पुलिस और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के जवानों ने उनकी कार पर आंसू गैस के गोले दागे थे, जिसके बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी.
इमरान ने दावा किया था कि इस्लामाबाद में उनकी हत्या की साजिश रची गई थी और यही कारण है कि वह लाहौर लौट आए. पीटीआई प्रमुख ने अदालत से कहा, “मेरी जान को खतरा है. मैं अदालत से अनुरोध करता हूं कि वह उस वीडियो को देखे ताकि उसे पता चले कि मैं न्यायिक परिसर के बाहर 40 मिनट से इंतजार कर रहा था, क्योंकि मैं सच बोल रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि वह कुल 140 मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 40 मुकदमे आतंकवाद से जुड़े हैं और हर मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होना संभव नहीं है. इमरान ने अदालत से यह भी कहा कि उसके आदेश के बावजूद पंजाब प्रांत की पुलिस ने जमान पार्क लाहौर स्थित उनके आवास पर छापा मारा और उसे नुकसान पहुंचाया तथा कई वस्तुएं चोरी कर लीं.
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