पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Ex PM Imran Khan) के भाषणों के सीधे प्रसारण पर लगाई गई रोक हटा दी. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने इमरान द्वारा 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान सरकारी संस्थाओं को धमकाने और भड़काऊ भाषण देने के बाद सैटेलाइट टीवी चैनलों पर उनके भाषणों का सीधा प्रसारण करने पर पाबंदी लगा दी थी. ‘द डॉन' अखबार के मुताबिक, 69 वर्षीय इमरान की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि नियामक ने ‘अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है.'
उन्होंने पीईएमआरए को एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश भी दिया, जो अदालत में इस प्रतिबंध को जायज ठहरा सके.
मामले की अगली सुनवई के लिए पांच सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है.
रैली में दिए संबोधन में इमरान ने अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ किए गए व्यवहार को लेकर पुलिस के शीर्ष अधिकारियों, पाकिस्तान चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी थी. गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान ने गिल को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की मांग स्वीकारने वाली अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को भी धमकी दी थी और उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया था.
भाषण के कुछ घंटों बाद पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थाओं को धमकाने के आरोप में इमरान के खिलाफ आतंकवाद निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.