इमरान खान की पार्टी के 8 सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को पाक सेना प्रमुख को कथित तौर पर बदनाम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एफआईए ने मंगलवार को पंजाब प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सेना प्रमुख और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को सोशल मीडिया पर निशाना बनाए जाने को लेकर ये गिरफ्तारियां कीं. 8 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव के सफल होने के बाद इमरान खान को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. इसके बाद जनरल बाजवा के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया.
एफआईए के मुताबिक, उसे खुफिया एजेंसियों से सेना प्रमुख और शीर्ष अदालत के जजों के खिलाफ सोशल मीडिया अभियान में शामिल 50 संदिग्धों की सूची मिली है और इनमें से आठ को हिरासत में ले लिया गया है. दरअसल इमरान खान को अमेरिका के इशारों पर हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सेना प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया गया. खान के करीबी असद उमर ने एक ट्वीट में कहा, "पीटीआई सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को चुनौती देने वाली याचिका को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे बुधवार को उच्च न्यायालयों में दायर किया जाएगा."
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, 79वें फॉर्मेशन कमांडरों का सम्मेलन जनरल मुख्यालय में आयोजित किया गया था, जिसमें सेना के कोर कमांडरों, प्रमुख स्टाफ अधिकारियों और सभी गठन कमांडरों ने भाग लिया था और इसकी अध्यक्षता सेना के प्रमुख ने की थी. पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की एक बैठक में सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन को लेकर चर्चा हुई. जिसमें इससे निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए.
आईएसपीआर के बयान में कहा गया है कि मंच ने पाकिस्तान सेना को बदनाम करने और संस्था और समाज के बीच विभाजन पैदा करने के लिए हाल के प्रचार अभियान पर तवज्जों दी. लेकिन पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ज्यादा पाक है. पाकिस्तानी सेना हमेशा इसकी रक्षा के लिए राज्य संस्थानों के साथ खड़ी रही है और हमेशा रहेगी, बिना किसी समझौते के."
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