पाकिस्तान को IMF की फटकार! 6 महीने का अल्टीमेटम देकर कहा- इनसे बजट तो संभल नहीं रहा...

IMF slams Pakistan: IMF ने पाकिस्तान को तीन से छह महीने का वक्त दिया है. IMF ने कहा है कि TSA में निर्णय लेने की प्रक्रिया को सही किया जाए और नकदी प्रबंधन को बढ़ाने के लिए तीन से छह महीने के भीतर तत्काल कदम उठाए.

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  • पाकिस्तान का वित्तीय संकट गंभीर होता जा रहा है और IMF ने उसकी कमजोर वित्तीय प्रबंधन पर चिंता जताई है
  • IMF ने पाकिस्तान से सिंगल ट्रेजरी अकाउंट के माध्यम से बेहतर राजकोषीय प्रबंधन और पारदर्शिता लागू करने को कहा है
  • पाकिस्तान में सार्वजनिक निवेश प्रबंधन में खामियां हैं जिससे परियोजनाओं में देरी और लागत वृद्धि हो रही है
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आतंकवाद और हिंसा की फसल बोते और काटते पाकिस्तान के सामने रोटी का संकट विकराल रूप लेता जा रहा है. पाकिस्तान दूसरे देशों से लिए कर्ज और IMF यानी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिले पैसे की बदौलत किसी तरह चल रहा है. ऐसे में जब पाकिस्तान की सरकार अपना बजट नहीं संभाल पा रही, अपनी राजनीतिक सनक के लिए उसका दुरुपयोग कर रही तो वही IMF उसे फटकार लगा रहा है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार IMF अभी भी पाकिस्तान के कमजोर वित्तीय प्रबंधन, नकदी निगरानी और सार्वजनिक संसाधनों के आवंटन के लिए जवाबदेही से असंतुष्ट है.

IMF ने व्यक्तिगत और राजनीतिक सनक के लिए अवाम के पैसे के दुरुपयोग को कम करने के लिए पाकिस्तान से सिंगल ट्रेजरी अकाउंट (TSA) प्रवाह में बेहतर राजकोषीय प्रबंधन और पारदर्शिता की मांग की है.

रिपोर्ट के अनुसार IMF ने अपने गवर्नेंस एंड करप्शन डायग्नोसिस असेसमेंट (GCDA) में कहा, "पिछले दो सालों में हुए कुछ सुधार के बावजूद, पाकिस्तान लगातार कमजोर बजट विश्वसनीयता से जूझ रहा है, जिसने कई मैक्रो-क्रिटिकल शासन कमजोरियों को जन्म दिया है... सार्वजनिक निवेश प्रबंधन में कई कमियां हैं, जिसके कारण परियोजना जीवन चक्र के दौरान अप्रूव हुए परियोजनाओं के लिए पैसा देने में विफलता, परियोजनाओं में बड़ी देरी और लागत में वृद्धि हुई है."

IMF ने पाकिस्तान को तीन से छह महीने का वक्त दिया है. IMF ने कहा है कि TSA में निर्णय लेने की प्रक्रिया को सही किया जाए और नकदी प्रबंधन को बढ़ाने के लिए तीन से छह महीने के भीतर तत्काल कदम उठाए. साथ ही मांग की है कि विश्लेषणात्मक क्षमताओं में सुधार किया जाए और नकदी पूर्वानुमान के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाया जाए.

इसमें कहा गया है कि मजबूत संस्थागत कवरेज निर्णय के बिना कमजोर TSA ढांचे के कारण स्थिति जटिल हो गई है, जिससे सरकार के नकदी शेष पर प्रभावी नियंत्रण कमजोर हो गया है. कमजोर बजट नियंत्रण की ओर इशारा करते हुए, IMF कहा कि खर्च करने की प्रक्रिया के कई चरण मैन्युअल रूप से किए गए थे और वर्तमान में वित्तीय अकाउंटिंग और बजट सिस्टम में शामिल नहीं हैं, जो बजट को जमीन पर उतारने में शासन की कमजोरियों को दिखाता है.

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