इस्लामाबाद : पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. महंगाई सातवें आसमान पर है. ऐसे में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेहद उम्मीद है, लेकिन अभी वहां से भी कुछ सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष उनके देश को $ 6.5 बिलियन के बेलआउट से रुके हुए धन को अनलॉक न कर मुश्किल समय में हमारी कठिनाइयों को बढ़ा रहा है, जब दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था 'अकल्पनीय' स्थिति का सामना कर रही है.
आईएमएफ ने शहबाज शरीफ सरकार के सामने एक शर्त रख दी है कि सभी सियासी दलों को एक मंच पर लाना होगा. सभी नेताओं से मशविरा करने के बाद आईएमएफ कोई फैसला करेगा. इधर जियो टीवी की रिपोर्ट को मानें तो शाहबाज अपने विपक्षियों के सामने झुकते नजर आ रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि पाक पीएम सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ बैठक करना चाहते हैं, ताकि वे साथ मिलकर मुल्क की चुनौतियों से निपटने के तरीके तलाश कर सकें. यह कॉन्फ्रेंस 7 फरवरी को इस्लामाबाद में होगी.
शहबाज शरीफ ने पश्चिमोत्तर शहर पेशावर में असैन्य और सैन्य नेताओं की एक बैठक में आईएमएफ को लेकर यह टिप्पणी की, जिसकी अध्यक्षता उन्होंने सोमवार को मस्जिद में हुए बम विस्फोट की प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए की, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी आर्थिक स्थिति अकल्पनीय है. जैसा कि आप जानते हैं, आईएमएफ मिशन पाकिस्तान में है और यह हमारे मुश्किल समय में इजाफा कर रहा है. आप सभी जानते हैं कि हमारे पास संसाधनों की कमी है." उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में पाकिस्तान बेहद बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है."
बता दें कि आईएमएफ का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान का दौरा कर रहा है.
गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.1 प्रतिशत की तीव्र गिरावट के साथ 10 साल के निचले स्तर पर लुढ़क गया है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक एसबीपी ने शुक्रवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष के अंत में उसका विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 3.09 अरब डॉलर पर आ गया. विदेशी कर्ज भुगतान की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में 59.2 करोड़ डॉलर की गिरावट आई है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा कि इस समय देश में कुल विदेशी मुद्रा भंडार 8.74 अरब डॉलर है। इसमें से 5.65 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा है.
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि यह विदेशी मुद्रा पाकिस्तान की सिर्फ तीन हफ्तों की आयात जरूरतों को ही पूरा कर सकता है. निवेश फर्म आरिफ हबीब लिमिटेड के एक विश्लेषक ने कहा कि यह फरवरी, 2014 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे निचला स्तर है. पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा विनिमय दर पर लगी सीमा हटा दी थी. इस समय पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले करीब 270 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है.