महिलाओं को लेकर की गई एक टिप्पणी पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. मुश्किल से दो महीने पहले ही उन्हें यौन हिंसा को लेकर अपनी टिप्पणी के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी और अब उनके बयान से फिर विवाद हो गया है. उन्होंने कहा कि 'समाज में प्रलोभन' को बढ़ावा नहीं देना महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा रोकने का तरीका है.
अप्रैल में, लोगों के साथ एक सवाल और जवाब सत्र के दौरान, इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में यौन हिंसा में वृद्धि, विशेष रूप से बच्चों के खिलाफ, "फहाशी" (अश्लीलता) के कारण हुई.
अपनी पिछली टिप्पणी का बचाव करते हुए, खान ने एचबीओ पर एक्सियोस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "... मैंने 'पर्दा' की अवधारणा को कहा था. समाज में प्रलोभन से बचें. हमारे यहां डिस्को नहीं हैं, हमारे पास नाइटक्लब नहीं है. यह यहां के समाज में जीने का एक पूरी तरह से अलग तरीका है. इसलिए यदि आप समाज में प्रलोभन को एक हद तक बढ़ाते हैं - यहां के युवाओं को कहीं और नहीं जाना है - इसका समाज में दुष्परिणाम होता है."
एक सवाल का जवाब देते हुए कि क्या महिला के कपड़े यौन हिंसा को भड़का सकते हैं, इमरान खान ने कहा, "अगर एक महिला ने बहुत कम कपड़े पहने हैं तो इसका पुरुषों पर प्रभाव पड़ेगा, जब तक कि वे रोबोट न हों. यह सामान्य ज्ञान है."
जब उनसे इस बारे में और बोलने को कहा गया तो उन्होंने कहा, "यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस समाज में रहते हैं. अगर किसी समाज में लोगों ने उस तरह की चीज नहीं देखी है, तो इसका उन पर असर पड़ेगा."
इमरान खान को "बीमार, स्त्री विरोधी, पतित" बताते हुए, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा.
औरंगजेब ने ट्वीट किया, "दुनिया को एक बीमार, स्त्री विरोधी, पतित और अपमानित इमरान खान की मानसिकता के बारे में पता चल गया. महिलाओं की पसंद की वजह से यौन उत्पीड़न नहीं होता, बल्कि ये पुरुष होते हैं जो इस घृणित और वीभत्स अपराध में शामिल होना चुनते हैं."
पाकिस्तान में आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि देश में हर दिन कम से कम 11 बलात्कार की घटनाएं सामने आती हैं, पिछले छह वर्षों में 22,000 से अधिक मामले पुलिस में दर्ज किए गए हैं. हालांकि जियो न्यूज के अनुसार, केवल 77 आरोपियों को ही दोषी ठहराया गया है, जो कुल आंकड़े का 0.3 प्रतिशत है.