अगर चीन जी20 सम्मेलन में ‘बिगाड़ने वाले’ की भूमिका निभाना चाहता है, तो विकल्प उपलब्ध: अमेरिकी एनएसए

सुलिवन ने कहा, “मुझे लगता है कि जी20 का वर्तमान अध्यक्ष भारत उन्हें वह करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो अमेरिका और वस्तुत: हर दूसरा सदस्य, जी20 का हर दूसरा सदस्य करेगा, कि वे जलवायु, बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार, ऋण राहत, प्रौद्योगिकी और भूराजनीतिक सवालों से इतर समस्या-समाधान और विकासशील देशों के लिए काम करने पर वास्तव में ध्यान केंद्रित करने के विषय पर रचनात्मक तरीके से आएं.’’

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वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि यह चीन को तय करना है कि वह नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में किस तरह की भूमिका निभाना चाहता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर बीजिंग इसमें आना चाहता है और ‘‘बिगाड़ने वाले'' की भूमिका निभाना चाहता है, तो यह विकल्प उसके लिए उपलब्ध है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन मंगलवार को व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में जी20 शिखर सम्मेलन पर भारत-चीन सीमा तनाव के प्रभाव को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारत और चीन के बीच तनाव का (जी20) शिखर सम्मेलन को प्रभावित करने का सवाल है तो यह वास्तव में चीन पर निर्भर है. अगर चीन इसमें आना चाहता है और बिगाड़ने वाले की भूमिका निभाना चाहता है तो निश्चित रूप से यह विकल्प उनके लिए उपलब्ध है.''

सुलिवन ने कहा, “मुझे लगता है कि जी20 का वर्तमान अध्यक्ष भारत उन्हें वह करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो अमेरिका और वस्तुत: हर दूसरा सदस्य, जी20 का हर दूसरा सदस्य करेगा, कि वे जलवायु, बहुपक्षीय विकास, बैंक सुधार, ऋण राहत, प्रौद्योगिकी और भूराजनीतिक सवालों से इतर समस्या-समाधान और विकासशील देशों के लिए काम करने पर वास्तव में ध्यान केंद्रित करने के विषय पर रचनात्मक तरीके से आएं.''

चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस सप्ताह नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे और प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली क्विंग करेंगे. मंत्रालय ने इस हाई-प्रोफाइल बैठक को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने में बीजिंग की तत्परता व्यक्त की.

चीन ने जी20 सम्मेलन में शी के भाग नहीं लेने के पीछे कोई विशिष्ट वजह नहीं बताई है. जून 2020 में गलवान घाटी में सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद भारत और चीन के संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने चीन को स्पष्ट कहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन नहीं होता, दोनों देशों के बीच रिश्ते आगे नहीं बढ़ सकते.

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भारत नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. सुलिवन ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडन स्पष्ट रुख रखेंगे कि अमेरिका वास्तविक प्रगति की उम्मीद करता है.

उन्होंने कहा, ‘‘वह इस बात को लेकर स्पष्ट रुख रखेंगे कि सभी जी20 सदस्यों को रचनात्मक तरीके से एक साथ आना चाहिए, इसमें कोई अपवाद नहीं है. हम जलवायु से लेकर स्वास्थ्य और डिजिटल प्रौद्योगिकी तक अन्य प्रमुख प्राथमिकताओं पर भी प्रगति कर रहे हैं, जिसमें अधिक समावेशी डिजिटल परिवर्तन और एआई (कृत्रिम मेधा) विकास के लिए एक जिम्मेदार मार्ग और दृष्टिकोण के संबंध में प्रतिबद्धताएं शामिल हैं.''

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सुलिवन ने कहा कि वास्तविकता यह है कि रूस के (यूक्रेन पर) अवैध युद्ध ने सामाजिक और आर्थिक परिणामों को तबाह कर दिया है और धरती के सबसे गरीब देशों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र के सिद्धांतों, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतों के सम्मान में स्थापित एक न्यायसंगत और टिकाऊ शांति का आह्वान करेंगे, जो वह पहले भी करते रहे हैं.

सुलिवन ने कहा कि बाइडेन इस बात पर जोर देते रहेंगे कि इन सिद्धांतों का पालन करते हुए अमेरिका यूक्रेन का तब तक समर्थन करेगा जब तक उसे आवश्यकता होगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिका यह स्पष्ट कर देगा कि हम जी20 के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए वैश्विक समस्या के समाधान के वास्ते एक साथ आने का एक महत्वपूर्ण मंच है.''

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