महामारी (Corona Pandemic) के दौरान बहुत से लोगों ने ऑनलाइन जुए (Online Gambling) की ओर रुख किया. हम में से ज्यादातर लोग जुए को मनोरंजन के तौर पर खेलते हैं, जिसका कोई गंभीर नकारात्मक परिणाम नहीं होता, लेकिन महामारी के दौरान कुछ लोगों को जुए की लत लग गई. द कन्वरसेशन के अनुसार UK में जुए की लत से बचने के लिए मदद मांगने वाली महिलाओं की संख्या में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि देखी है. इस तरह की लत मानसिक स्वास्थ्य, अनुभूति और रिश्तों के साथ-साथ दिवालिएपन और आपराधिकता की ओर ले जाती है. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की क्लिनिकल न्यूरोरोसाइकॉलजी की प्रोफेसर बारबरा जैकलीन, कॉगनिटिव न्यूरोसाइंस में रिसर्च एसोसिएट क्रिस्टेल लैंगली, विजिटिंग फैलो हेनरीटा बोडेन-जोन्स और साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में साइकिएट्री (Psychiatry) के प्रोफेसर सैम चेम्बरलेन ने जुए की लत और दिमाग पर उसके असर के बारे में कई अहम जानकारियां दीं.
जुए की लत के लक्षण क्या हैं?
इनमें शराब और नशीली दवाओं की लत के विपरीत, जहां लक्षण शारीरिक रूप से दिखाई देते हैं, जुए की लत के स्पष्ट संकेत नजर नहीं आते. द लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशित हमारा नया लेख, जुए की लत पर शोध की समीक्षा करता है, और इस बारे में सिफारिशें करता है कि इसे कैसे रोका जाए और इसका इलाज कैसे किया जाए.
जुआ एक बड़ी समस्या है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के सबसे हालिया अनुमान के अनुसार, 2016 से, दुनिया भर में जुआ खेलने वालों को वार्षिक जुआ नुकसान का अनुमान कुल 400 अरब डॉलर था. 2021 में, यूके के जुआ आयोग ने अनुमान लगाया कि ‘‘जुआ विकार'' का प्रसार 0.4% जनसंख्या में था.
एक अन्य सर्वेक्षण में जुए की समस्या की अधिकतम दर एशिया में पाई गई, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी अमेरिका में, यूरोप में कम दरों के साथ.
जुए की लत की पहचान
शोधकर्ताओं ने जुए की समस्या को मापने के लिए गेम सिमुलेशन विकसित किया है (जिसे वे ‘‘टास्क'' कहते हैं) जैसे आयोवा जुआ टास्क और कैनटैब कैम्ब्रिज जुआ टास्क. यह प्रणाली जुआरियों के जोखिम भरे निर्णय लेने और सट्टेबाजी का आकलन करती है, प्रतिभागियों को यह अनुमान लगाने के लिए कहा जाता है कि क्या नीले या लाल बॉक्स के भीतर एक पीली चिप छिपी हुई है, जिसमें समय के साथ नीले और लाल बक्से का अनुपात बदल रहा है. फिर वे तय कर सकते हैं कि उनके फैसले पर दांव लगाने के लिए उनके कितने अंक हैं.
यदि वे जीतते हैं, तो वे अपने कुल में अंक जोड़ते हैं, लेकिन यदि वे हार जाते हैं, तो वे अंक खो जाते हैं. उन्हें चौकन्ना रहने की ताकीद की जाती है ताकि वह अपने सारे अंक खोकर कहीं ‘‘दिवालिया'' न हो जाएं. यह टास्क उन जुआरियों का पता लगाने के काम आ सकता है जिनमें अभी जुआ विकार विकसित नहीं हुआ है, लेकिन वह इसके विकसित होने के ‘‘जोखिम में'' हैं, लेकिन अभी तक हुए नहीं हैं - खासकर यदि वे आवेगी होने के लक्षण दिखाते हैं.
ऐसे टास्क का उपयोग करते हुए, शोध से पता चला है कि स्वस्थ व्यक्तियों में, सट्टेबाजी 17 से 27 वर्ष की आयु के लोगों में सबसे आम है और जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, इस लत में गिरावट आती जाती है. एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि व्यसन की समस्या वाले जुआरी समय के साथ अपनी सट्टेबाजी को बढ़ाते हैं, और अंत में दिवालिया हो जाते हैं. शराब और निकोटीन निर्भरता को भी सट्टेबाजी की अधिक समस्याओं से जोड़ा गया है.
जुआरी का दिमाग कैसे काम करता है?
न्यूरोइमेजिंग अध्ययनों से यह स्पष्ट है कि जुए से जुड़े कई मस्तिष्क क्षेत्र हैं. अध्ययनों से पता चला है कि जोखिम भरे निर्णय लेने से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वेंट्रोमेडियल प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (निर्णय लेने, स्मृति और भावना विनियमन से संबद्ध) शामिल हैं; ऑरबिटल फ्रंटल कॉर्टेक्स (जो शरीर को भावनाओं का जवाब देने में मदद करता है); और इंसुला (जो स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है). जुए की लत के शिकार जुआरी इन क्षेत्रों में गतिविधि बढ़ा सकते हैं.
जब जुआरी अपने दांव के परिणाम देखते हैं, तो वे मस्तिष्क की इनाम प्रणाली में मस्तिष्क की सक्रियता को भी दिखाते हैं, जिसमें कॉडेट न्यूक्लियस भी शामिल है. यह उन लोगों में विशेष रूप से मजबूत हो सकता है जो जुए के आदी हैं.
डोपामाइन, एक तथाकथित न्यूरोट्रांसमीटर जो तंत्रिका कोशिकाओं को संचार करने में मदद करता है, मस्तिष्क की इनाम प्रणाली में एक महत्वपूर्ण रसायन के रूप में भी जाना जाता है. एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि स्वस्थ लोगों की तुलना में जब उनके दिमाग में डोपामाइन जारी किया गया, तो जुआरी ने काफी उच्च स्तर का उत्साह दिखाया. डोपामाइन रिलीज उत्साह के स्तर को बढ़ाकर, जोखिम भरे निर्णयों के निषेध को कम करके, या दोनों के संयोजन के माध्यम से जुए की समस्या को बढ़ाता है.
जुए की लत से कैसे निपटें?
वर्तमान में, अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित मानसिक विकारों के नैदानिक और सांख्यिकीय मैनुअल (डीएसएम-5) का उपयोग करके जुआ विकार का निदान किया जाता है. यूके में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस से जुआ विकार के उपचार और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश भी विकसित किए जा रहे हैं और इनके 2024 में प्रकाशित होने की उम्मीद है.
वर्तमान उपचार विकल्पों में कुछ प्रकार के संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (जो लोगों को उनके सोचने के पैटर्न को बदलने में मदद कर सकते हैं) और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं. कुछ दवाएं, जैसे चयनात्मक सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) जुआ विकार के लक्षणों जैसे अवसाद के पहलुओं को कम करने में प्रभावी हो सकती हैं.
सभी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की तरह, इसमें भी शीघ्र सहायता और उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है. यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है ताकि सामान्य खुशियां, जैसे परिवार के साथ समय बिताना और सैर और व्यायाम का आनंद लेना, अभी भी सुखद रहे और सुख की यह भावना जुए की भेंट न चढ़ जाए.