ISS पर पहुंचे भारत के शुभांशु शुक्‍ला ने सबसे पहले किया यह काम, जानिए क्‍या 

एयरफोर्स पायलट और अब अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्‍ला ने गुरुवार को एक्सियम मिशन 4 (एक्‍स-4) के साथ इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (आईएसएस) पर सफल डॉकिंग कर ली.

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  • एयरफोर्स पायलट शुभांशु शुक्ला ने एक्सियम मिशन 4 के तहत आईएसएस पर डॉकिंग की.
  • आईएसएस पहुंचने पर शुभांशु का गले मिलकर स्वागत किया गया.
  • ISS पर शुभांशु और बाकी अंतरिक्ष यात्रियों को ड्रिंक भी वेलकम ड्रिंक भी सर्व की गई.
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नई दिल्‍ली:

एयरफोर्स पायलट और अब अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्‍ला ने गुरुवार को एक्सियम मिशन 4 (एक्‍स-4) के साथ इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (आईएसएस) पर सफल डॉकिंग कर ली. उनके साथ इस मिशन पर पोलैंड, अमेरिका और हंगरी के भी अंतरिक्ष यात्री पहुंचे हैं. आईएसएस से शुभांशु की पहली तस्‍वीर आई है जिसमें वह अपने साथी अंतरिक्ष यात्री के गले लगते हुए नजर आ रहे हैं. 

गले लगाकर हुआ स्‍वागत 

जैसे ही शुंभाशु आईएसएस पर उतरे और हैच से बाहर आए, तो उनके चेहरे पर मुस्‍कुराहट थी और गले मिलकर उनका स्‍वागत किया जा रहा था. इसके अलावा जो फोटोग्राफ्स आई हैं उनमें नजर आ रहा है कि चारों अंतरिक्ष यात्रियों को एक वेलकम ड्रिंक सर्व की गई है. आईएसएस पर मौजूद और मिशन 73 का हिस्‍सा फ्लाइट इंजीनियर ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स ने शुभांशु, पोलैंड के मिशन स्‍पेशलिस्‍ट स्लावोज उज्‍नास्‍की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू के साथ अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन का स्‍वागत किया. 

इससे पहले शुंभाशु का एक कमेंट आया जिसमें उन्‍होंने अंतरिक्ष से ‘नमस्कार' करके अभिवादन किया था. उन्‍होंने कहा, अभी ह 'एक बच्चे की तरह सीख रहे हैं. अंतरिक्ष में कैसे चलना और खाना है.  यह एक छोटा कदम है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक स्थिर और ठोस पड़ाव है.. 

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ISS पर क्या करेंगे शुभांशु 

शुभांशु शुक्‍ला और पूरा क्रू 14 दिनों तक आईएसएस पर रहेगा. इस दौरान ग्रुप कैप्‍टन शुभांशु शुक्‍ला नासा की मदद से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्‍नोलॉजी (डीबीटी) के बीच सहयोग के तहत विकसित स्‍पेशल फूड एंड न्‍यूट्रिशियस संबंधी एक्‍सपेरीमेंट से जुड़े एक्‍सपेरीमेंट्स करेंगे. इसरो ने शुक्ला के लिए सात प्रयोगों का एक सेट तैयार किया है. यह नासा की तरफ से अपने ह्यूमन रिसर्च प्रोग्राम के लिए तय पांच ज्‍वॉइन्‍ट स्‍टडीज में भी हिस्‍सा लेंगे. नासा ने आईएसएस पर एक्‍सपेरीमेंट्स के लिए भारतीय भोजन पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है. इसमें माइक्रोग्रैविटी स्थितियों में मेथी और मूंग यानी हरा चना को अंकुरित करना शामिल है. 

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