- हांगकांग में लगी भीषण आग में अब तक कम से कम 44 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं
- आठ टावरों वाले अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में लगी आग ने शहर की दशकों में सबसे भयंकर त्रासदी का रूप ले लिया है
- आग के दौरान बांस के मचान जलने और फटने की आवाजें सुनाई दीं और गहरा धुआं आसमान की ओर उठता रहा
हांगकांग में ऊंची इमारतों में लगी आग से मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है. आग अभी भी सुलग रही है और पुलिस ने कहा है कि दशकों में लगी शहर की सबसे भीषण आग में 279 लोग अभी भी लापता हैं. 2,000 अपार्टमेंट वाले इस बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स में कुल 8 टावर हैं और हर टावर 32 मंजिला है. जब बुधवार, 26 नवंबर की दोपहर को इसमें आग लगी तो इसने हांगकांग ही नहीं, पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. वो आग की लपटें, बाहर खड़ी बेबस जनता और बच निकले लोगों के चहरों पर अपनों को खोने की कसक... यह मंजर ही खौफनाक था.
"यह बहुत डरावना है"
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार घटनास्थल पर बांस के मचान के जलने और फटने की आवाजें सुनी जा सकती थीं. इमारतों से गहरा धुआं ऊपर की ओर निकल रहा था. इलाके के निवासी 25 साल के वीजी चान ने बुधवार को कहा, "मुझे सच में लगता है कि यह बहुत डरावना है. मैं इसे सिर्फ एक इमारत से उठी आग को तीन और फिर चार इमारतों तक फैलते हुए देख रहा हूं... यह सचमुच भयानक है."
इमारतों के जलने के बाद एक अस्थाई (टेंपररी) शेल्टर बनाया गया है. बुधवार शाम को शेल्टर खुलने के बाद से, इमारतों में रहने वाले निवासी अपने परिवार के सदस्यों के बारे में रिपोर्ट करने के लिए आते रहे, जिनसे उनका संपर्क टूट गया था. कुछ लोग स्तब्ध होकर लाल आंखों से फोन स्क्रीन की ओर देख रहे थे. उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि अभी उनके लापता प्रियजनों की कोई खबर आ जाएगी.
65 वर्षीय यूएन ने कहा कि उनके पड़ोस में कई बुजुर्ग लोग रहते हैं जो व्हीलचेयर और वॉकर का उपयोग करते हैं, और आग ने उन्हें और उनकी पत्नी को बेघर कर दिया है. उन्होंने कहा कि चूंकि अपार्टमेंट कैंपस का मेंटेनेंस का चल रहा था, इसलिए कई निवासियों ने अपनी खिड़कियां बंद रखीं - इसलिए उन्होंने फायर अलार्म नहीं सुना.
यूएन ने कहा, "संपत्ति और जानमाल का नुकसान हुआ है और यहां तक कि एक फायर फाइटर की भी मौत हो गई है." कई नागरिक इस त्रासदी के मौके पर अपना नेक दिल दिखा रहे हैं. वे बिना किसी के कहे जरूरत का सामान दान कर रहे हैं और आग के बाद बनाए गए शेल्टर होम में पहुंचा रहे हैं.














